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कानपुर

पॉलिटेक्निक कॉलेजों की कई सीटों में हुई भारी कटौती

इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (मूलभूत व्‍यवस्‍थाएं) समेत विभिन्‍न मानकों पर खरा न उतरने वाले पॉलिटेक्‍निक कॉलेजों पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्‍निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने गाज गिराना शुरू कर दिया है. काउंसिल ने प्रदेश भर के पॉलिटेक्‍निक कॉलेजों में सीटें घटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

कानपुरDec 19, 2018 / 01:49 pm

आलोक पाण्डेय

Kanpur

पॉलिटेक्निक कॉलेजों की कई सीटों में हुई भारी कटौती

कानपुर। इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (मूलभूत व्‍यवस्‍थाएं) समेत विभिन्‍न मानकों पर खरा न उतरने वाले पॉलिटेक्‍निक कॉलेजों पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्‍निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने गाज गिराना शुरू कर दिया है. काउंसिल ने प्रदेश भर के पॉलिटेक्‍निक कॉलेजों में सीटें घटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. काउंसिल ने राजकीय पॉलिटेक्‍निक, जीटी रोड में 33 प्रतिशत सीटें और महिला पॉलिटेक्‍निक में 50 प्रतिशत सीटें घटाने का आदेश दिया है.

मिली है ऐसी जानकारी
बता दें कि राजकीय पॉलिटेक्‍निक में अभी तक कुल 1080 सीटे थीं जो घटकर 780 रह जाएंगी जबकि महिला पॉलिटेक्‍निक में 400 सीटें थीं, जो घटकर 200 रह जाएंगी. हालांकि दोनों संस्‍थानों ने एआईसीटीई के इस फैसले के खिलाफ प्राविधिक शिक्षा निदेशालय में अपील की है. इसके अलावा शहर के कई निजी पॉलिटेक्‍निक कॉलेजों की भी करीब 2500 सीटें कम की गई हैं. इनमें इंजीनियरिंग डिप्‍लोमा के साथ फार्मेसी व अन्‍य कोर्स की सीटेंकम हुई हैं. सीटों का नय फॉर्मुला अगले सत्र यानी 2019-20 से लागू हो जाएगा. प्राविधिक शिक्षा निदेशालय से मिली सूचना के मुताबिक अभी तक एआईसीटीई ने प्रदेश के 141 राजकीय और 19 अनुदानित महाविद्यालयों की करीब 8000 से ज्‍यादा सीटें घटाई हैं. अभी कई कॉलेजों की समीक्षा बाकी है. ऐसे में आशंका है कि कई अन्‍य कॉलेजों से 20 सीटें घटाई जा सकती हैं.

कमियों का है भंडार
एआईसीटीई की ओर से जारी आदेश के मुताबिक इन कॉलेजों में पर्याप्‍त शिक्षक, लैब, लाइब्रेरी, इंफ्रास्‍ट्रकचर आदि की काफी कमी है. ये कॉलेज एआईसीटीई के किसी भी मानक को पूरा नहीं करते. ऐसे में इन कॉलेजों की स्‍थिति के आधार पर इनकी सीटें घटाने का फैसला लिया गया है.

50 प्रतिशत तक घट सकती हैं लैदर इंस्‍टीट्यूट की सीटें
लैदर इंस्‍टीट्यूट के हालात देखते हुए एआईसीटीई करीब 50 प्रतिशत सीटें कम कर सकती हैं. 24 दिसंबर को संस्‍थान की प्राचार्या को एआईसीटीई ने रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इसके बाद जनवरी के पहले सप्‍ताह में काउंसिल की फाइनल रिपोर्ट जारी हो जाएगी.
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