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आसमान छूने लगे सरसों तेल के दाम, वनस्पति घी और रिफाइंड तेल भी हुआ मंहगा

locationसुल्तानपुरPublished: May 31, 2021 11:16:53 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

Covid-19 की दूसरी लहर में आम दिनों में इस्तेमाल होने वाले सामानों की कीमतें सुरसा के मुंह की तरह हर रोज बढ़ रही है। सामानों की बढ़ती कीमतों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। खाद्य तेल के दाम आसमान को छू रहे हैं। रिफाइंड, वनस्पति घी का रेट भी बढ़ गया है।

Mustard Oil

Mustard Oil

सुलतानपुर. वैश्विक महामारी कोविड-19 (Corona Virus) के दौर में आम आदमी को “मंहगाई डायन खाये जात है” गीत याद आ रहा है। कोविड -19 की दूसरी लहर में आम दिनों में इस्तेमाल होने वाले सामानों की कीमतें सुरसा के मुंह की तरह हर रोज बढ़ रही है। सामानों की बढ़ती कीमतों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। खाद्य तेल के दाम आसमान को छू रहे हैं। रिफाइंड, वनस्पति घी का रेट भी बढ़ गया है। खाद्य तेलों के बढ़े दाम से महिलाओं की रसोई का वजट गड़बड़ा गया है। आम आदमी को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। कोरोनावायरस की दूसरी लहर में बढ़ती मंहगाई से आम आदमी के जनजीवन को एक बार फिर से प्रभावित कर दिया है। कोरोना का असर जरूरत के सामानों पर भी दिख रहा है। खाद्य तेल बोतल से लेकर अन्य सामानों की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है। महिलाओं के किचन का बजट बिगड़ गया है। 140 रुपये प्रति लीटर मिलने वाला सरसों का तेल इस समय दोहरे शतक से बस कुछ ही दूर है, यानी 140 रुपये बिकने वाला सरसों का तेल 180 रुपये तक पहुंच गया है।
रिफाइंड 20 रुपये प्रति लीटर महंगा

किराना की दुकान चलाने वाले मदनलाल कसौधन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में सभी सामान महंगा हो गया है। जब सामान अधिक रेट में मिलेगा तो मजबूरन ग्राहकों को बढ़े दामों में बेचना पड़ेगा। वर्तमान में सरसों का तेल 180 रुपये प्रति लीटर के भाव बेचा जा रहा है। रिफाइंड 130 से 150 रुपये प्रति लीटर, वनस्पति घी 155 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से ग्राहकों को दिया जा रहा है। इसके अलावा फुटकर में अरहर की दाल 120 रुपये किलो, चीनी 42 रुपये किलो, आटा 26 से 28 रुपये किलो बिक रहा है। थोक दुकानदारों का कहना है कि खाद्य तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसमें कुछ कंपनियों का एकाधिकार है और वह मनमाने तरीके से दाम बढ़ाती जा रही है। सरकारी नियंत्रण भी ढीला हो गया है। खाद्य तेल और दाल की बढ़ती कीमतों की वजह से आम आदमी को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। सरसों के तेल का दाम इतना बढ़ गया है कि महिलाएं दाल में तड़का लगाना भी भूल गई है।
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