UP Special

देश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे में अब कोई राजनीतिक दंगल नहीं

मुलायम सिंह यादव ने भीष्म प्रतिज्ञा ली है। अब पांच साल बाद फिर एकजुट होगा मुलायम कुनबा। अखिलेश और शिवपाल यादव एक होंगे। सपा और प्रसपा मिलकर चुनाव लड़ेगें। शिवपाल के बेटे आदित्य यादव ने कहा 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर यह खुशखबर मिलेगी।

लखनऊOct 18, 2021 / 01:18 pm

Mahendra Pratap

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लखनऊ. महेंद्र प्रताप सिंह. (पत्रिका न्यूज नेटवर्क). पांच साल बाद देश का सबसे बड़ा राजनीतिक कुनबा एक बार फिर एकजुट होगा। समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मिलन की पटकथा लिखी जा चुकी है। इसका पटाक्षेप 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर होगा। इस दिन औपचारिक घोषणा होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव सपा और प्रसपा मिलकर लड़ेगें या फिर सपा अकेले मैदान में उतरेगी।
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सपा में हुई दंगल का खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा था। अखिलेश की न केवल कुर्सी चली गयी, बल्कि पार्टी सिमट कर 50 के आंकड़े से नीचे आ गयी। इस बार यह नौबत न आए इसलिए मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश यादव को भरोसा दिया है कि वे न तो अब कोई बयान देंगे न ही शिवपाल को कोई आर्शीवाद। शिवपाल के बेटे व प्रसपा राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव इस बात की पुष्टि करते हैं कि समाजवादी परिवार के लिए 22 नवंबर अहम होगी।
सपा-प्रसपा दोनों निकाल रहे रथ
फिलहाल, अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए सपा और प्रसपा दोनों रथ यात्राएं निकाल रहे हैं। आदित्य कहते हैं अखिलेश में लीडरशिप है और शिवपाल अच्छे संगठनकर्ता। दोनों मिल गए तो इस बार परिणाम बदल जाएगा।
शिवपाल को मुलायम का आर्शीवाद नहीं
अखिलेश पिता के राजनीतिक आर्शीवाद के बाद रथयात्रा पर निकल गए। मुलायम से ऐसा ही अर्शीवाद शिवपाल भी चाहते थे, लेकिन मुलायम ने साफ इंकार कर दिया। हालांकि, यह तय हुआ है परिवार में अब कोई भी किसी के लिए विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देगा।
पिछली दंगल की पटकथा में अमर
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले सपा परिवार में हुई दंगल में मुलायम के अलावा राम गोपाल यादव, शिवपाल, अखिलेश यादव और दिवंगत नेता अमर सिंह अहम किरदार थे। बताते हैं दंगल के सूत्रधार अमर थे। इस जंग में मुलायम पार्टी अध्यक्ष के पद से हाथ धो बैठे थे। सपा भी दो फाड़ हो गयी थी।
अब मुलायम होंगे संरक्षक की भूमिका में
सपा के एक वरिष्ठ नेता को मुताबिक सत्ता की बागडोर फिर से अपने हाथ में करने के लिए मुलायम सिंह यादव कुनबे के संरक्षक की भूमिका में होगे। और पूरी तरह बेटे के साथ खड़े दिखेंगे। अखिलेश ने भी भरोसा दिया है कि वह पार्टी को एक बार फिर सत्ता में वापस लाकर मुलायम को राजनीतिक विरासत की वापसी का गिफ्ट देंगे।

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