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दलितों को रिझाने के लिए बाबा साहब के नाम पर एक और विंग

locationलखनऊPublished: Oct 16, 2021 03:51:30 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीकों से सभी वर्गों को रिझाने में जुटे हंै। समाजवादी पार्टी ने पार्टी ने दलितों को अपने पक्ष में करने के लिए ‘बाबा साहब वाहिनी’ नाम से एक नई विंग की स्थापना की है।

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Baba saheb Vahini

लखनऊ. (पत्रिका न्यूज नेटवर्क). उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे के वोट बैंक पर सेंधमारी करने में कोई कसर नहीं बाकी रख रहे हैं। बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीकों से सभी वर्गों को रिझाने में जुटे हंै। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने पार्टी ने दलितों को अपने पक्ष में करने के लिए एक नई विंग की स्थापना की है। सपा ने ‘बाबा साहब वाहिनी’ के नाम से एक नई विंग बनाई है।
मिठाई लाल भारती बने नई विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष
विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में जातीय गणित मजबूत करने में सभी राजनीतिक दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हंै। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दलित मतदाताओं में अपने पक्ष में करने के लिए ‘बाबा साहब वाहिनी’ के नाम से एक नई विंग की स्थापना की है। सपा अध्यक्ष ने बाबा साहब वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर मिठाई लाल भारती की नियुक्ति की है।
कांग्रेस मस्जिदों में बांट रही प्रतिज्ञा पत्र
2022 के विधानसभा चुनाव में यूपी की सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा, बसपा, कांग्रेस और सपा एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी करने में जुटे हंै। मुस्लिम मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस मस्जिदों में जाकर अपना प्रतिज्ञा पत्र बांट रही है। मुस्लिम वर्ग फिलहाल में सपा और बसपा का वोट बैंक माना जाता है, जिसे अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस पूरी तरह से जुटी हुई है। इसके अलावा कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों में महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस, राष्ट्रीय छात्र संगठन, सेवादल भी चुनावों में खासी भूमिका निभाते हैं।

भाजपा में अजा मोर्चा
भाजपा में अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा काम करते हैं। बीजेपी के ये फ्रंटल संगठन चुनावों के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। माना जाता है कि बीजेपी की सफलता का यहीं सबसे बड़ा कारण है।
सपा युवजन सभा
समाजवादी पार्टी के लिए सपा के यूथ फ्रंटल संगठन, समाजवादी युवजन सभा, समाजवादी लोहिया वाहिनी, समाजवादी छात्रसभा, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के बाद अब समाजवादी बाबा साहब वाहिनी का गठन किया है। कुल मिलाकर देखना यह होगा कि सपा अपने इन फ्रंटल संगठनों के सहारे मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में कितना कामयाब होती और इसका 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को कितना फायदा होगा।

बसपा को अपने कोर वोट बैंक पर भरोसा
दलितों की पार्टी मानी जाने वाली बसपा को अपने मतदाताओं पर पूरा भरोसा है। बसपा ने भी यूपी की सत्ता हासिल करने के लिए ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन प्रदेशभर में आयोजित किए थे। इसके अलावा बसपा ओबीसी, मुस्लिम व अन्य जातियों को पक्ष में करने जुटी है।
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