कानपुर

लालिमा वाले गन्ने के रस का नहीं करें सेवन, शरीर में फूर्ति लाने के बजाए पहुंचा देगा हॉस्पिटल

गर्मी आते ही सज गई गन्ने के रस की दुकानें, लोगों को कर रही बीमार

कानपुरMar 31, 2018 / 12:08 pm

Vinod Nigam

कानपुर। गर्मी आते ही शहर के चौराहों, बस, टैम्पों और रेलवे स्टेशन के आसपास दजनों दुकानें गन्ने के रस की ख्ुल गई है। जहां लोग गर्मी से निजाद और शरीर में फुर्ती लाने के लिए गन्ने का रस पी रहे हैं, लेकिन यह फाएदा करने के बजाए आपके शरीर को नुकसान के साथ ही हॉस्पिटल पहुंचा सकता है। डॉक्टरों की मानें तो गन्ने का रस और बर्फ दोनों की तासीर अलग है। ये आपको गंभीर बीमारी भी दे सकता है। यदि आप जरा-सी सावधानी बरतेंगे तो बीमारी से बच सकते हैं। गन्ने का रस पीने से पहले एक बार देखिए कि वह बनता कैसे है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गन्ने की सफाई नहीं की जाती। गन्ने पर काली फफूंद लगी होती है और उससे हेपेटाइटिस ए, डायरिया और पेट की बीमारियों की चपेट में आप आ सकते हैं। ऐसे में गन्ने की दुकान में जाते वक्त गन्ने पर नजर दौड़ाएं और तभी उसका सेवन करें।
देख-जांच कर करें सेवन
गर्मी आते ही दर्जनों गन्नें की दुकानें चौराहों, स्टेशनों और अन्य इलाकों में सज गई। यहां से सुबह से लेकर शाम तक लोग गर्मी दूर भगने और शरीर में स्फूर्ती लाने के लिए गन्ने का रस पी रहे है। लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत घातक है। डॉक्टरों का कहना है कि दुकानदार सड़े और लाल गन्ने को गरीद कर उससे रस निकालते हैं, जो इंसानों का फाएदा करने के बाए नुकसान पहुंचाता है। दुकानदार अधिक मुनाफे के चलते गन्ने के रस में बर्फ की मात्रा अधिक करते है, इससे सर्दी के साथ ही जुकाम सहित फीवर की चपेट में आप आ सकते हैं। जब गन्ने की दुकान में जाएं तो यह देखें की नीबू धब्बेदार और बीन न हो। गन्ने के रस में डाले जाने वाले पुदीने को देख लें, कहीं उसमें हरी घास को इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा।
यह बीमारी हो सकती हैं
हैलट अस्पताल के मिडिसिन विभाग के प्राफोसर डॉक्टर विकास गुप्ता ने बताया कि गन्ने पर जो फफूंद होती है उससे हेपेटाइटिस ए, डायरिया और पेट की बीमारियां होती हैं। इसी प्रकार गन्ने की मिट्टी से भी पेट संबंधी बीमारियां होती हैं। डॉक्टर विकाय कहते हैं कि गन्ने में यदि लालिमा है तो इसके रस मत पीजिए। इस फफूंद को गन्ने की सड़ांध या रेड रॉट डिजीज कहा जाता है। यह एक तरह का फंगस है, जो गन्ने के रस को लाल कर देता है। इससे जूस की मिठास भी कम हो जाती है। ऐसा गन्ना सस्ता मिलता है और सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। कहते हैं कि अगर गन्ने का रस बनाते समय साफ सफाई का ध्यान न रखा जाए तो ज्वाइंडिस, हेपेटाइटिस, टायफायड, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
बर्फ की मात्रा का ज्यादा करते हैं इस्तेमाल
दुकानदार मुनाफे के चलते गन्ने के रस के बजाए उसमें सत्तर से अस्सी फीसदी बर्फ का प्रयोग करते हैं, जो सेहत की लिए बहुत खतरनाक है। बर्फ की अधिक मात्रा के चलते आपको फीवर सहित पेट संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं। डॉक्टर विकास गुप्ता कहते हैं कि वैसे गन्ने का रस फाएदेमंद होता है, लेकिन जो बाजार में दुकानदार बेच रहे हैं, वह नुकसान देह है। दुकानदार गन्ने को सत्ती कीमत पर खरीदकर लाते हैं, जिसमें अनके प्रकार के कीड़े लगे होते हैं। वह गन्ने को धुलते नहीं, वैसे ही मशीन में डालकर रस निकाल कर ग्राहकों को पिला देते हैं। ऐसे में कीड़े सीधे इंसानों के पेट में चले जाते हैं और उसे रोगी बना देते हैं।
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