करीब 200 साल पहले नवाब अहमद अली खां ने रामपुर के भमरव्वा गांव में पातालेश्वर शिव मंदिर का निर्माण कराया था। बताया जाता है कि उस समय गांव में बीमारी फैली हुई थी। गांव के पास में ही एक किसान की कस्सी से पत्थर टकराया था। खुदाई के दौरान वहां शिवलिंग निकली थी। बताया जाता है कि शिवलिंग की स्थापना के बाद में बीमारी दूर हो गई। मुस्लिम आबादी के बीचोबीच यह मंदिर है। आज हिंदू और मुस्लिम एकता का मिसाल यह मंदिर माना जाता है।
मुस्लिम समाज के लोग भी करते है पूरी श्रद्धा के साथ मंदिर की देखरेख।
मंदिर में होती है भगवान की पूजा तो मजिस्द में नमाज अता करते है मुस्लिम समाज के लोग।
कांवड़ियों के लिए मंदिर परिसर में जलाभिषेक की तैयारी शुरू, दूर दूर से जलाभिषेक करने के लिए आते है कांवड़ियां।