आरोप है कि बनारस हिंदू विश्वविद्याय के सेंट्रल लाइब्रेरी में कंप्यूटर स्विच की खरीद की गई। इस खरीदारी में नियमों की अनदेखी की गई। जो सामान 5.60 लाख रुपये में खरीदा जा सकता था उसके लिए 15. 49 लाख का भुगतान किया गया। इस तरह से विश्वविद्यालय को 10 लाख रुपये की चोट पहुंचाई गई।
बताया जा रहा है कि वर्तमान में सेंट्रल लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन एसएन प्रसाद वही हैं जिन्हें पूर्व कुलपति प्रो पंजाब सिंह के कार्यकाल में पुस्तक खरीद घोटाले में हटाया गया था। लेकिन बाद मे वह फिर से लाइब्रेरियन पद पर काबिज हो गए। हालांकि एक अन्य पूर्व कुलपति प्रो जीसी त्रिपाठी के कार्यकाल में इस पद के लिए साक्षात्कार आयोजित किया गया लेकिन लाइब्रेरियन ने अपनी पहुंच के चलते साक्षात्कार ही कैंसिल करा दिया।
अब ऑडिट रिपोर्टा की गोपनीय प्रति भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल की जाने लगी है।