scriptPM नरेंद्र मोदी के खिलाफ 111 किसान बनारस से लड़ेंगे चुनाव | 111 farmers of Tamil Nadu fight against Modi from varanasi Lok Sabha | Patrika News

PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ 111 किसान बनारस से लड़ेंगे चुनाव

locationवाराणसीPublished: Mar 25, 2019 01:27:40 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-तमिलनाडु के किसानों की ललकार- तमिलनाडु के किसान नेता पी अय्याकन्नू ने की घोषणा -फसल उत्पादों के लिए मुनाफे वाली कीमत की है प्रमुख मांग-दिल्ली में 100 से अधिक दिनों तक कर चुके हैं प्रदर्शन

नरेंद्र मोदी और आंदोलित किसान

नरेंद्र मोदी और आंदोलित किसान

वाराणसी. विभिन्न राजनीतिक दलों ने भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के बाबत अपने पत्ते न खोले हों लेकिन तमिलनाडु के किसानों ने घोषणा कर दी है। खेती-किसानी की समस्या से त्रस्त तमिलनाडु के वो किसान जो दिल्ली के जंतर मंतर पर कई दिनों तक धरने पर बैठे रहे। प्रदर्शन में शामिल हुए, उन्होंने अब घोषणा की है कि पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लडने की। वह भी एक दो नहीं 100 से अधिक किसानों ने ऐसा ऐलान किया है।
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार तमिलनाडु के किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी संसदीय सीट से 111 नामांकन दाखिल करेंगे। तमिलनाडु के किसान नेता पी अय्याकन्नू ने शनिवार को इसकी घोषणा की है। कहा है कि राज्य के 111 किसान वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। ‘राष्ट्रीय दक्षिण भारतीय नदियां जोड़ो किसान संगठन’ के अध्यक्ष अय्याकन्नू ने कहा कि उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया गया, ताकि भाजपा से कहा जा सके कि वह अपने घोषणा-पत्र में इस बात को शामिल करे कि ‘फसल उत्पादों के लिए मुनाफे वाली कीमत’ सहित किसानों की अन्य मांगें पूरी की जाएंगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2017 में दिल्ली में 100 से अधिक दिनों तक किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर चुके अय्याकन्नू ने बताया, ‘जिस क्षण वे अपने घोषणा-पत्र में सुनिश्चित करेंगे कि हमारी मांगें पूरी की जाएंगी, हम मोदी के खिलाफ लड़ने का अपना फैसला वापस ले लेंगे।’ उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे मोदी के खिलाफ चुनाव जरूर लड़ेंगे।
अय्याकन्नू ने कहा कि चुनाव लड़ने के फैसले का हर जगह के किसानों और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने समर्थन किया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक यह पूछे जाने पर कि वे अपनी मांग सिर्फ भाजपा से क्यों कर रहे हैं? कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों से क्यों नहीं? जवाब था भाजपा अभी सत्ताधारी पार्टी और मोदी प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक और अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कड़गम जैसी पार्टियों ने अपने घोषणा-पत्र में पूरी कर्ज माफी के वादे को शामिल करने का आश्वासन दिया है।
किसान नेता के मुताबिक ‘हम भाजपा या अपने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नहीं हैं। सत्ता हासिल करने से पहले नरेंद्र मोदी ने हमारी मांगें पूरी करने का वादा किया था और हमारी आय दोगुनी करने का आश्वासन दिया था। ‘ उन्होंने कहा कि 300 किसानों के वाराणसी जाने के लिए टिकट पहले ही बुक किए जा चुके हैं। तिरुवन्नमलई और तिरुचिरापल्ली सहित कई अन्य जिलों के किसान वाराणसी पहुंचेंगे। किसान नेता ने कहा, ‘तमिलनाडु से भाजपा के एकमात्र सांसद पौन राधाकृष्णन भी यदि वादा कर दें कि हमारी मांगों को घोषणा-पत्र में सम्मान मिलेगा तो हम अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकते हैं।’
बता दें कि बनारस के किसान करीब दो साल से आंदोलित हैं। ट्रांसपोर्ट नगर और रिंग रोड फेज-2 योजना के तहत व भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा मांग रहे हैं। 20 साल पुरानी ट्रांसपोर्ट नगर योजना जो अब तक मूर्त रूप नहीं ले सकी है उसे निरस्त कर अपनी जमीन वापस मांग रहे हैं। इसके लिए वो दो बार प्रधानमंत्री को खून से खत लिख चुके हैं। दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना दे चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल चुके हैं जिस पर राहुल गांधी ने जितिन प्रसाद के रूप में अपना दूत भी भेजा था मई 2018 में। यह लड़ाई बनारस में किसान कांग्रेस नेता विनय शंकर राय मुन्ना और प्रदेश सचिव श्वेता राय की अगुवाई में लड़ी जा रही है।
कोट-
तमिलनाडु के किसानों की व्यथा से हम किसान कांग्रेस के लोग अच्छी तरह से वाकिफ हैं। हमने किसानों की समस्या के समाधान की दिशा में काम शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब में कांग्रेस सरकार ने किसानहित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। कई मुद्दों को अमली जामा पहनाया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और किसान कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले लगातार किसानों की समस्या का सर्वमान्य हल निकालने में लगे है।- संजय चौबे, बनारस मंडल प्रभारी, किसान कांग्रेस
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