वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के बाद से जनता को भले ही परेशानी हो रही हो, नगर निगम को इसका जबरदस्त फायदा हुआ है। नगर निगम ने नोटबंदी के बाद अपने करदाताओं को 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट के जरिये कर जमा करने की छूट दी थी। इस निर्णय से नगर निगम में जमकर राजस्व जमा हुआ। नगर निगम के मुताबिक आठ नवंबर के बाद से अब तक लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये का कर जमा हो चुका है।
नगर निगम के कम्प्यूटर सेल के कोऑर्डिनेटर संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि नोटबंदी के बाद से अब तक लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये राजस्व जमा हुआ है। उन्होंने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा लगभग चार करोड़ रुपये बतौर गृहकर जमा हुआ है। संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि एक दिसंबर तक नगर निगम में बतौर राजस्व चार करोड़ 35 लाख रुपये जमा हुए हैं। इसमें गृहकर, विज्ञापन आदि सभी कर शामिल हैं।
डिफाल्टरों की संख्या है सबसे ज्यादा
संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कर जमा करने वालों सबसे अधिक संख्या डिफाल्टारों की है। बताया कि गृहकर जमा करने वालों में 90 प्रतिशत पुराने बकायेदार हैं, जो कई सालों से अपना गृहकर नहीं जमा कर रहे थे। इसमें कई के खिलाफ नोटिस भी जारी की गयी थी।
100 बड़े बकायेदारों को भेजा गया है कुर्की की नोटिस
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी महातम यादव ने बताया कि नगर निगम ने 100 बड़े बकायेदारों को कुर्की की नोटिस भी भेजी जा चुकी है। बताया कि उनको गृहकर जमा करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसमें काशी रेलवे स्टेशन, जल संस्थान, भारत सेवा संघ जैसे कई बड़े संस्थान शामिल हैं।