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मोदी सरकार की पूर्वांचल को बड़ी सौगात, 1320 करोड़ में बनेगी नई रेल लाइन,वाराणसी से गोरखपुर का सफर होगा और आसान

locationवाराणसीPublished: Jul 19, 2019 02:13:16 am

सहजनवा से दोहरीघाट के बीच बनेगी 80 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन।
पीएम मोदी की कैबिनेट ने दे दिए मंजूरी, जल्द शुरू होगा काम।

Rail route

प्रतीकात्मक फोटो

वाराणसी. नरेंद्र मोदी सरकार यूपी के पूर्वांचल में रेलवे लाइन का जाल बिछाने जा रही है। मोदी सरकार की कैबिनेट ने 80 किलोमीटर लंबी सहजनवा दोहरीघाट रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी है। 1320 करोड़ रुपए में बनकर तैयार होने वाली इस रेलवे लाइन से वाराणसी से गोरखपुर की दूरी घट जाएगी। रेलवे लाइन एक तरफ इंदारा से बलिया और छपरा को जोड़ेगी वहीं सहजनवा में बाराबंकी छपरा मेन लाइन में मिल जाएगी। इस रेल रूट से गोरखपुर दक्षिणांचल के लोगों को काफी सहूलियत होगी।
बांसगांव का इलाका यातायात के मामले में काफी पिछड़ा रहा है। इसी को मद्देनजर रखते हुए 70 के दशक में इसे रेल मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव बना। उस समय दोहरीघाट से वाराणसी वाया इंदारा रेल मार्ग मौजूद था। पर सहजनवा और दोहरीघाट के बीच रेल संपर्क न होने से इस रूट के क्षेत्रों के लिए आवागमन एक बड़ी समस्या थी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए दोहरीघाट और सजनवा को रेल मार्ग से जोड़ने की परिकल्पना की गई थी। इस पर आम सहमति भी बनी और सर्वे भी कर लिया गया, लेकिन इसके बाद यह पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
इस परियोजना पर दोबारा पहल तब हुई जब महावीर प्रसाद रेल मंत्री बने। मंत्री 1988-89 में एक बार फिर इसे लेकर आए लेकिन इस बार भी बात सर्वे के आगे नहीं बढ़ सकी। फिर दोहरीघाट सहजनवा वाया कौड़ीराम रेलवे रूट का सर्वे हुआ लेकिन यह भी ठंडे बस्ते में चला गया।
बात कुछ आगे तब बढ़ी जब चौथी बार सर्वे हुआ और इसका डीपीआर तैयार किया गया। लोगों में एक उम्मीद जगी की उनका क्षेत्र भी रेल मार्ग से जुड़ जाएगा। लेकिन बात इस बार भी आगे नहीं बढ़ी और डीपीआर बन जाने के बावजूद परियोजना फाइलों से बाहर नहीं आ सकी। डीपीआर भले बन गया था, लेकिन यह परियोजना रेट ऑफ रिटर्न सर्वे में फंसी थी। यहां तक कि इसके लिए रेल मंत्रालय की ओर से 743.55 करोड़ रुपए का बजट भी अप्रूव हो चुका था। इन सबके बावजूद अभी भी परियोजना के शुरू होने के कोई आसार नहीं दिख रहे थे।
चार बार सर्वे होने और डीपीआर बन जाने के बावजूद फाइल में दबी इस परियोजना को आखिरकार मोदी सरकार ने अपनी कैबिनेट से मंजूरी दिला दी। अब इस नए वैकल्पिक रेलमार्ग पर जल्द काम शुरू होने की बात कही जा रही है। इस रेलमार्ग पर सहजनवा, पिपरौली, खजनी, उलवल, बांसगांव, उरुआ, गोला बाजार बड़हलगंज और दोहरीघाट स्टेशन बनेंगे। दक्षिणांचल के विकास के लिए योजना मील का पत्थर साबित होगी।
बताते चलें कि उसी क्षेत्र में खलीलाबाद से बहराइच रेल मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। 2 मार्च 2019 को तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी आधारशिला रखी थी और साथ ही ₹10 करोड़ का आवंटन भी हो गया था। 240 किलोमीटर की रेल लाईन सिद्धार्थ नगर और बलरामपुर को जोड़ेगी। खालीलाबाद से मेहदावल डुमरियागंज उतरौला, श्रावस्ती भीगना और बहराइच तक बिकने वाली इस रेलवे लाइन को पूरा करने का लक्ष्य 2024-25 रखा गया है। खलीलाबाद बहराइच रेल मार्ग की लंबाई 240 किलोमीटर है और इस पर आने वाला खर्च तकरीबन 4940 करोड़ रुपए का प्रस्तावित है।

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