script

नागरिक सत्याग्रह यात्रा के 9 साथी गाजीपुर में गिरफ्तार

locationवाराणसीPublished: Feb 11, 2020 06:45:19 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-चौरीचौरा से गांधी की समाधि राजघाट के लिए निकली है यह यात्रा-9 लोगों को किया गया है गिरफ्तार-यात्रा के लिए अनुमति न लेने का आरोप

नागरिक सत्याग्रह यात्रा

नागरिक सत्याग्रह यात्रा

वाराणसी. चौरीचौरा से महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट तक के लिए निकली नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा के कुछ साथियों को मंगलवार को गाजीपुर में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पदयात्रा में शामिल लोगों के मुताबिक गाजीपुर पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि जब गिरफ्तारी के बाबत एसडीएम से पूछा गया तो उन्होंने उनका जवाब था कि इन सभी लोगों ने पदयात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। सिर्फ छह लोगों की पदयात्रा से प्रशासन को क्या समस्या है, इस पर उनका कहना था कि फिलहाल तो गिरफ्तारी की जा रही है और मामले में जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नागरिक सत्याग्रह यात्रा
IMAGE CREDIT: पत्रिका
बता दें कि चौरी-चौरा के शहीद स्मारक से गत 2 फरवरी 2020 को ‘नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा’ चौरी-चौरा से शुरू हुई थी। लगभग 200 किमी की पदयात्रा करके ये सत्याग्रही मऊ से आगे बढ़कर मंगलवार को गाजीपुर पंहुचे थे। इसे दिल्ली के राजघाट में खत्म होना था। यह यात्रा समाज मे बढ़ रही असहिष्णुता , हिंसा , घृणा और कट्टरता के ख़िलाफ़ भाई चारे प्रेम सद्भाव और सहिष्णुता की अपील के साथ सड़को पर गुजर रही है।
इन पदयात्रियों के मुताबिक यह यात्रा चौरी-चौरा से इसलिए शुरू की गई क्योंकि ‘यह वो जगह थी जहां 1922 में यानी लगभग सौ साल पहले अंग्रेजों के खिलाफ हुई हिंसा के कारण गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। उस दिन ऐसे आज़ाद हिंदुस्तान की तासीर तय हो गई थी जहां हिंसा के लिए कोई जगह नहीं थी, फिर चाहे वो हमारा शोषक, हमारा दुश्मन ही क्यों न हो।
नागरिक सत्याग्रह यात्रा
IMAGE CREDIT: पत्रिका
उन्होंने बताया कि करीब छह-सात लोगों के इस जत्थे की अकेली महिला सदस्य प्रदीपिका सारस्वत ने गिरफ्तार होने से पहले बताया कि बीते तीन-चार दिनों से पुलिस उनके आसपास मंडरा रही थी। उनसे यात्रा को लेकर सवाल-जवाब भी किए जा रहे थे। प्रदीपिका एक लेखक व फ्री लांसर हैं। उन्होंने गिरफ्तार होने से पहले अपने फेसबुक पेज पर भी लिखा है कि ‘कल शाम से लोकल इंटेलीजेंस और पुलिस, यात्रियों के चक्कर काट रही है, तस्वीरें खींच रही है, वीडीयो उतार रही है। स्टेट इतना डरा हुआ है कि चंद लोगों को शांति और सौहार्द की बात करते हुए नहीं देख पा रहा है।’
नागरिक सत्याग्रह यात्रा
IMAGE CREDIT: पत्रिका
इस बारे में गाजीपुर (सदर) के एसडीएम से पूछने पर उन्होंने बताया कि इन सभी लोगों ने पदयात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। सिर्फ छह लोगों की पदयात्रा से प्रशासन को क्या समस्या है, इस पर उनका कहना था कि फिलहाल तो 151और 107/16 के तहत गिरफ्तारी की जा रही है और मामले में जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गिरफ्तार सत्याग्रहियों में प्रियेश पांडेय, अतुल यादव, मुरारी कुमार, मनीष शर्मा, प्रदीपिका सारस्वत, शेष नारायण ओझा , नीरज राय, अनन्त प्रकाश शुक्ला और राज अभिषेक हैं।

नागरिक सत्याग्रह यात्रा
IMAGE CREDIT: पत्रिका
सत्याग्र यात्रा में शामिल होने वालों का कहना है कि नागरिकता संसोधन कानून लागु होने के बाद देश में आमजन नागरिकता रजिस्टर, डिटेंशन कैम्प और परिचय पत्रों , जन्मप्रमाण पत्र आदि क्या क्या कागज बनवाना है की जदोजहद में फंस गया। रोजी रोजगार देने में फेल होती दिख रही सरकार का रसूख जनता में कम हो ही रहा था। नागरिकता के सवाल ने लोगो के धैर्य को झटका दे दिया। देश भर में काफी भारी मात्रा में विरोध प्रदर्शन हुए।
वो कहते हैं कि देश भर में हुए प्रदर्शनों के बीच भारी संख्या में पुलिस हिंसा की घटनाए हुई । अकेले उत्तर प्रदेश में हिंसा में 23 लोगो की जान गई है। सैकड़ो बुरी तरह से घायल है। छात्रों , सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ताओ की गंभीर आपराधिक धाराओं में गिरफ्तारी की गयी है।
हिंसा और उग्रता के आधार और जिम्मेदार परिस्थितियों को समझने के लिए कई संस्थाओं के युवाओं ने मिलकर एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई। छात्रों सामाजिक कार्यकर्ताओ की फैक्ट फाइंडिंग टीम की जांच में दिसंबर 2019 में हुए विरोध प्रदर्शन और उत्तर प्रदेश में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल निकल कर सामने आए। मुज़फ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, कानपूर, बदायूं , इलाहबाद , मऊ , आज़मगढ़ गोरखपुर और बनारस पुलिस ने भारी बल प्रयोग किया है। बीएचयू , जेएनयू, एएमयू लखनऊ विश्वविद्यालयों सहित 30 से ज्यादा शिक्षण संस्थानों के छात्रों और विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओ की साझी टीम ने हिंसा प्रभावित जगहों पर पंहुचकर प्रभावितो से चर्चा करके बड़ी और गम्भीर रिपोर्ट जारी की है।
आगामी चरण

यात्रा का प्रथम चरण बनारस में 16 फरवरी 2020 को बनारस में सम्पन्न होना तय था। आगे के लिए बनारस से कानपूर के लिए दूसरे चरण की यात्रा की तैयारी और कार्यकर्ताओ में संवाद का कार्यक्रम बनारस पड़ाव में करना पूर्वनिश्चित था। बनारस में प्रेसवार्ता और सामाजिक सांस्कृतिक सहमना संस्थाओ और व्यक्तियों से चर्चा करने की भी योजना रही। लेकिन बनारस में प्रधानमंत्री जी के आगमन का कार्यक्रम भी 16 फरवरी को ही था। ऐसे में सड़को पर जाम होना और प्रशासनिक व्यस्तता होना स्वाभाविक था। ऐसी असामान्य असहज स्थिति में सत्याग्रहियों का लक्ष्य जो कि अमन और भाईचारे का संवाद करना था, प्रभावित होता तो सत्याग्रहियों ने यह तय किया है की बनारस 14 फरवरी 2020 की रात तक पंहुचने की कोशिश करेंगे। रात्रिविश्राम के बाद 15 फरवरी को ही सर्वसेवा संघ राजघाट में जयप्रकाश नारायण की मूर्ति के समक्ष श्रद्धासुमन प्रकट करते हुए पत्रकारों से वार्ता करके राजातालाब की ओर आगे बढ़ जाते।

ट्रेंडिंग वीडियो