फूलपुर व गोरखपुर उपचुनाव को लेकर आप का बड़ा खुलासा, किस दल को होगा फायदा
उपचुनाव जीतने के लिए सभी दलों ने लगायी ताकत, जानिए क्या है कहानी

वाराणसी. फूलपुर व गोरखपुर संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है। बीजेपी के अतिरिक्त सभी दलों ने यहां पर पिछली बार का बदला चुकाने के लिए प्रत्याशियों का चयन तेज कर दिया है इसी क्रम में आम आदमी पार्टी ने उपचुनाव नहीं लडऩे का ऐलान किया है। आप के इस निर्णय से किस दल को फायदा पहुंचेगा। माना जा रहा है कि आप चुनाव नहीं लड़ेगी तो शहरी वोटरों में बीजेपी सेंधमारी कर सकती है।
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वर्ष 2014 में आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने ही बनारस संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था इसके बाद आप पार्टी ने यूपी चुनाव 2017 में अपने प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा था। आप ने पहली बार यूपी के निकाय चुनाव में प्रत्याशी उतारे थे, जिसमे पार्टी के आशा के अनुसार सफलता नहीं मिल पायी थी। इसके बाद आप पार्टी ने संसदीय चुनाव 2019 में चुनाव लडऩे की तैयारी की है। इसी बीच माना जा रहा था कि दो संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में आप पार्टी प्रत्याशी उतार कर लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी का आगाज कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आप पार्टी के पूर्वांचल संयोजक संजीव सिंह से जब पत्रिका ने पूछा कि आप पार्टी उपचुनाव लड़ेगी तो उन्होंने इंकार कर दिया। संजीव सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी हुए उपचुनाव में पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे इसी तरह यूपी की दो सीट गोरखपुर व फूलपुर में होने वाले उपचुनाव में आप के प्रत्याशी नहीं खड़े होंगे। जब उनसे पूछा गया कि उपचुनाव नहीं लडऩे पर आप वोटर किस तरफ जायेंगे तो उनका कहना था कि जनता समझदार है वह अपना अच्छा व खराब समझती है।
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अब सपा, बसपा, बीजेपी व कांग्रेस पर लगी निगाहे
बीजेपी को सुभासपा व अपना दल का साथ मिला है जो उपचुनाव में पार्टी के लिए फायदेमंद सौदा साबित हो सकता है जबकि सपा, कांग्रेस व बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तो उनकी ताकत कम हो सकती है यदि यह दल मिल कर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी की राह कठिन हो जायेगी। माना जा रहा है कि गोरखपुर व फूलपुर सीट पर उपचुनाव के नतीजों से संसदीय चुनाव 2019 की कुछ स्थिति स्पष्ट हो जायेगी। यह उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के लिए भी बड़ा इम्तिहान साबित होने वाला है।
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