आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल संयोजक संजीव सिंह ने यूपी सरकार के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुआ कहा है कि स्कूल,-कॉलेज और विश्वविद्यालयों में बीजेपी और आरएसएस की सभाएं होती हैं। पार्कों में नियमित तौर पर शाखा लगती है। सरकार इन सब पर रोक क्यों नहीं लगाती। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ जैसे शिक्षण संस्थान के मैदान पर विजयादशमी की लीला और रावण का पुतला जलाने पर रोक है लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की सभा पर कोई रोक नहीं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में नियमित तौर पर शाखा लगती है, जब-तब पथ संचलन जैसे आयोजन होते हैं। क्या वह गलत नहीं। जहां तक आरएसएस का सवाल है तो प्रायः हर पार्क में शाखा लगती है, उस पर रोक क्यों नहीं।
उऩ्होंने कहा कि “पूजा,प्रार्थना, इबादत हमें मानवीय संवेदनाओं और आपसी सौहार्द का पाठ सिखाती है, वह हिंसा के रास्ते पर नहीं ले जाती है। उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर लोगो की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहां कि, सरकार श्रीमद् भागवत कथा नमाज पढ़ने जैसे धार्मिक कार्यक्रमों को सार्वजनिक जगहों पर किए जाने पर रोक लगा रही है जो सरासर ग़लत है। उन्होंने कहा कि नोएडा के एक पार्क में नमाज़ के बाद अब ग्रेटर नोएडा में जिला प्रशासन ने श्रीमद भागवत कथा के आयोजन को भी रोक दिया है।
आप नेता ने प्रदेश सरकार के इस फैसले को लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने व तानाशाही करार दिया। सिंह ने कहा कि सत्ता के लिए भाजपा धर्म के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाने का काम करती है सत्ता मिलने पर धार्मिक आयोजन पर रोक लगाती है जो पूरी तरह से गलत है। सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार में ही बनारस में जहां बड़ी तादात में मंदिर तोड़े गए शिवलिंगों को नाले में फेंका गया और भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या में सैकड़ो मंदिरों को जर्जर बता कर तोड़ने के लिए अंतिम नोटिस दी गई है।
उऩ्होंने कहा कि इस तरह तो न सरस्वती पूजा होगी, न विश्वकर्मा पूजा होगी न ही दुर्गा पूजा। कहा कि देश भर में गणेश पूजन, सरस्वती पूजन, विश्वकर्मा पूजन, काली पूजन, दुर्गा पूजन सड़कों, पार्कों या किसी खाली स्थान पर किए जाते हैं तो क्या इन सभी पूजन को सरकार बंद करा देगी। संजीव सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेगी। इसके लिए सड़क से संसद तक संघर्ष किया जाएगा। पार्टी देशवासियों की धार्मिक भावना से किसी को खिलवाड़ नहीं करने देगी।