कोरोना काल में शुरू हुई लाटरी पद्धति से प्रवेश प्रक्रिया बता दें कि कोरोना काल में बीएचयू प्रशासन ने सीएचएस में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्ष के स्थान पर लाटरी सिस्टम से दाखिले का रास्ता अपनाया था। दो साल तक इसी तरह से दाखिला हुआ। अब जब कोरोना संक्रमण लगभग खत्म हो चुका है। सारी पाबंदियां उठा ली गई हैं। फिर भी लाटरी पद्धति को ही प्रवेश का आधार माना जा रहा है। ऐसे में छात्र-अभिभावक, प्रोफेसर, पूर्व कुलपति और नेता भी इसके विरोध में उतर आए हैं।
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BHU के अभिन्न अंग CHS में लाटरी से दाखिले का विरोध जारी, बीएचयू प्रशासन को 48 घंटे की मोहलत,आंदोलन की चेतावनीएनएसयूआई ने सीएचएस के प्रधानाचार्य को सौंपा ज्ञापन बता दें कि सोमवार की सुबह एनएसयूआई बनारस की जिला इकाई ने स्कूल बोर्ड के खिलाफ आवाज बुलंद की। कुलपति प्रो सुधीर जैन को संबोधित ज्ञापन सीएचएस के प्रिंसिपल को सौंपा। उन्होंने चेतावनी भी दी कि 48 घंटे में पूर्व की तरह प्रवेश परीक्षा का निर्णय न हुआ तो आंदोलन पर उतरेंगे।
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BHU स्कूल बोर्ड के पूर्व वाइस चेयरपर्सन भी आए लाटरी से CHS में दाखिला प्रक्रिया के विरोध में, VC को लिखा पत्रएबीवीपी ने बीएचयू केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन किया उधर एबीवीपी बीएचयू इकाई ने विश्वविद्यालय के सेंट्रल ऑफिस को घेर लिया और काफी देर तक धरना प्रदर्शन किया। चैनल गेट बंदकर छात्रों ने बीएचयू के खिलाफ जमकर नारे लगाए और सीएचएस में प्रवेश प्रक्रिया से दाखिले की मांग की। एबीवीपी की बीएचयू इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि अब हम कोविड से उबर गए हैं। पाबंदियां हट गईं हैं, उसके बावजूद एंट्रेंस न होना छात्रों की प्रतिभा के साथ खिलवाड़ है।
बीएचयू स्कूल बोर्ड के पूर्व वाइस चेयरपर्सन प्रो हरिकेश सिंह ( पूर्व कुलपति, जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा व बीएचयू शिक्षा संकाय के पूर्व डीन) प्रो हरिकेश सिंह ने बीएचयू के कुलपति प्रो सुधीर जैन को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रो जैन को सलाह दी है कि वो खुद अपने स्तर से इस प्रक्रिया की हकीकत का पता कर मामले में हस्तक्षेप करें ताकि मेधावी छात्र-छात्राओं का हित हो सके।