यूं तो धर्म व पर्यटन नगरी काशी में वर्ष पर्यंत सैलानियों का आना लगा रहता है। लेकिन ये तीन महीने पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। देशी सैलानियों की बात करें तो शारदीय नवरात्र में दुर्गापूजा मनाने के लिए लगभग पूरा बंगाल यहां उमड़ पड़ता है। दुर्गा पूजा से पहले ही बंगाली परिवारों से यहां के होटल, लॉज, धर्मशालाएं फुल हो जाते हैं। यहां तक कि घर भी पेइंग गेस्ट में तब्दील हो जाते हैं।
दुर्गापूजा ही क्यों विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला, भरत मिलाप, चेतगंज की नक्कटैया। यह सिलसिला कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहता है। कार्तिक पूर्णिमा पर विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली के मौके पर काशी में लोग फुटपाथ पर रहने को मजबूर हो जाते हैं।
ऐसे में वाराणसी प्रशासन इन सैलानियों के वाराणसी में आने के लिए खास तैयारी की है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल सैलानियों की सुविधा के लिए जो प्लान तैयार किया है उसके तहत बाबतपुर से शहर में आने वाले पर्यटक एवं अन्य लोगों के लिए कांट्रैक्ट बेस पर छोटे एसी बसें चलाई जाएंगी। इस संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन को निर्देश दे दिया गया है।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस की आय में वृद्धि एवं यात्रियों को बसों में बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए बसों में सीएनजी किट लगाकर उसे सीएनजी में कन्वर्ट कराने के साथ ही बसों को सुविधाजनक बनाने का निर्देश भी दिया है। एयरपोर्ट ही नहीं रेलवे स्टेशन पर प्रीपेड बस सिस्टम काउंटर लगाने की भी योजना है। कमिश्नर का कहना है कि जब बसों का संचालन सही होगा और उसमें बेहतर सुविधा होगी, तब लोग प्रीपेड बसों की ज्यादा बुकिंग कराएंगे।