निपाह वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर जिला स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी व निजी सभी अस्पतालों को अलर्ट किया है। केंद्रीय संचारी रोग केंद्र (एनसीडीसी) की ओर से दिशा निर्देश की प्रति उनके वाट्स एप पर भेजने के साथ एहतियात बरतने को कहा गया है। डॉक्टरों खास तौर जनरल फिजिशियन्स को पीड़ितों की पहचान करने और मरीजों को देखने के तौर तरीके बताए गए हैं। पैथालाजिस्ट को सैंपलिंग की प्रक्रिया समझाई गई है। आमजनता क्या करें, क्या न करें जैसे दिशा निर्देश भी दिए गए हैं ताकि इसके जरिए लोगों का जागरूक किया जा सके।
एसीएमओ डॉ आरके सिंह के अनुसार अभी बनारस में कोई केस नहीं मिला है लेकिन दक्षिण भारतीय तीर्थयात्रियों का यहां सर्वाधिक आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में एहतियातन सभी अस्पतालों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सभी को तैयारी रखने को कहा गया है। आने वाले मरीजों व उनके सहयोगियों को भी इसके बारे में बताने के निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में पत्रिका ने जब सरसुंदर लाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ ओपी उपाध्याय से बात की तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऐसे केसेज के लिए पहले से ही आइसोलेटेड वार्ड की व्यवस्था। अभी कोई केस आइडेंटीफाई नहीं हुआ है। वैसे भी इस तरह के मामले में संदिग्ध का ब्लड सेंपुल पुणे भेजा जाता है। वहीं से इस तरह के वायरस वाली बीमारियों का सही-सही पता चलता है। जहां तक सरसुंदर लाल चिकित्सालय की बात है तो यहां सभी एहतियात बरते जा रहे हैं।
बता दें कि बीएचयू के मालीक्यूलर बायोलॉजिस्ट प्रो सुनीत कुमार सिंह ने पहले ही इस संबंध में कुछ सुझाव दिए थे, जिसका पालन कर इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है। निपाह वायरस से बचना है तो करें ये उपाय, BHU के वैज्ञानिक ने बताए नुस्खे
-खजूर व नारियल का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करें
-कटे फ ल के सेवन से बचें ऐसे लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क -इस वायरस का असर 5 से 14 दिन का होता है।
– सर्दी-जुखाम, बदन दर्द, सिर दर्द, उल्टी आना, पेद दर्द, खांसी आना, अचानक सांस फूलना, चक्कर आना, झटके आना, बेहोशी, यहां तक कि संक्रमित व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है।
-कटे फ ल के सेवन से बचें ऐसे लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क -इस वायरस का असर 5 से 14 दिन का होता है।
– सर्दी-जुखाम, बदन दर्द, सिर दर्द, उल्टी आना, पेद दर्द, खांसी आना, अचानक सांस फूलना, चक्कर आना, झटके आना, बेहोशी, यहां तक कि संक्रमित व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है।
क्या करें और क्या नहीं
– खाने की वस्तुएं चमगादड़ से संक्रमित न हों
– नारियल से बनने वाली चीजों से परहेज करें
– हाथ अच्छे से धोएं और बीमार मरीज से दूर रहें
– वायरस संक्रमित मरीज के बिस्तर व बर्तन, कपड़े अलग रखें
– इस बीमारी से मृत व्यक्ति के शव को छूने में सावधानी बरतें
– खाने की वस्तुएं चमगादड़ से संक्रमित न हों
– नारियल से बनने वाली चीजों से परहेज करें
– हाथ अच्छे से धोएं और बीमार मरीज से दूर रहें
– वायरस संक्रमित मरीज के बिस्तर व बर्तन, कपड़े अलग रखें
– इस बीमारी से मृत व्यक्ति के शव को छूने में सावधानी बरतें