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कचहरी में वकीलों ने किया ऑनलाइन रजिस्ट्री का विरोध, मैनुअली सुविधा देने की भी मांग

locationवाराणसीPublished: Oct 03, 2017 06:44:17 pm

Submitted by:

Devesh Singh

यूपी में बेनामा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्री आरंभ, जानिए क्या है कहानी

कचहरी में वकीलों ने किया ऑनलाइन रजिस्ट्री का विरोध

कचहरी में वकीलों ने किया ऑनलाइन रजिस्ट्री का विरोध

वाराणसी. यूपी में मंगलवार से जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन हो गयी है। नयी व्यवस्था लागू होने के साथ अब मैनुअली रजिस्ट्री कराना संभव नहीं होगा। राज्य सरकार का मानना है कि बैनामा को ऑनलाइन करने से फर्जीवाड़े पर रोक लगने के साथ राजस्व में वृद्धि होगी। वकीलों ने ऑनलाइन रजिस्ट्री के खिलाफ कचहरी में रजिस्ट्री कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की।
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अधिवक्ताओं का कहना है कि सरकार ने बिना सुविधा दिये ही ऑनलाइन रजिस्ट्री आरंभ कर दी है। कचहरी में वाईफाई की सुविधा नहीं है। राज्य सरकार दावा करती है कि काशी में २४ घंटे बिजली सप्लाई हो रही है। सरकार का दावा गलत है और अभी तक लोगों को २४ घंटे बिजली नहीं मिली है। बिना बिजली सुविधा दिये ऑनलाइन रजिस्ट्री आरंभ करना सही नहीं है। अधिवक्ताओं का कहना है कि सरकार ने ऐसी व्यवस्था नहीं कि है, जिससे सर्वर सही ढंग से चले। बिना किसी तैयारी के ही ऑनलाइन रजिस्ट्री आरंभ की गयी है, जिसका अधिवक्ता विरोध कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक सारी सुविधा नहीं दी जाती है तब तक ऑनलाइन के साथ मैनुअली रजिस्ट्री कराने की सहुलियत भी दी जाये। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गयी तो वह आंदोलन तेज करने के लिए बाध्य होंगे।
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कैसे हो ऑनलाइन रजिस्ट्री, किसी को नहीं है जानकारी
यूपी सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्री तो लागू कर दिया है, लेकिन किसी को ट्रेनिंग नहीं मिली है। वकीलों के बिना रजिस्ट्री नहीं हो सकती है और वकीलों को भी नहीं पता है कि किस तरह से ऑनलाइन रजिस्ट्री की जाये। इन परिस्थितियों में नयी व्यवस्था लागू होने के बाद भी लोगों को लाभ नहीं मिला।
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ऑनलाइन रजिस्ट्री के माध्यम से होगी राजस्व में वृद्धि
सरकार का मानना है कि ऑनलाइन रजिस्ट्री आरंभ होने से राजस्व में वृद्धि होगी। कागजों में हेराफेरी करके एक ही जमीन को कई बार बेच दिया जाता था जिसके चलते खरीदने वाले को अपना हक लेने के लिए न्यायालय की शरण लेनी होती थी। इसके अतिरिक्त रजिस्ट्री के दौरान क्रय की जाने वाली सम्पत्ति की कीमत कागज पर कम दिखायी जाती थी, जिसके चलते सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था, लेकिन रजिस्ट्री के ऑनलाइन होने से इन चीजों पर रोक लग जायेगी। सरकार की योजना कितनी सफल होती है यह तो वक्त ही बतायेगा। इतना तो साफ है कि बिना आधारभूत सुविधा दिये हुए ऑनलाइन रजिस्ट्री आरंभ होने से वकीलों की समस्या बढ़ गयी है और समस्या के समाधान होने तक वह अपना विरोध जारी रखेंगे।
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