मऊ में रतनपुरा ब्लाक के मुबारकपुर स्थित उच्चतर प्राथमिक विद्यालय का है। यहां 2011 से ममता राय के नाम नाम की सहायक अध्यापिका कार्यरत थी। पर यह उसका असली नाम नहीं था। शिकायत मिली तो उसे बीएसए स्टार से नोटिस भेजकर अपने साक्ष्य और प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने को कहा गया। पर वह नोटिस के बाद भी नहीं आई। इसके बाद उसकी जांच की गयी तो प्रधान ने पुष्टि कर दी कि वो ममता नहीं बल्कि रम्भा पांडे ने है।
जांच में काफी चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं। पिछले नौ बरस से वह कागजों में कूटरचित तथ्यों के आधार पर ममता राय के नाम से नौकरी कर रही थी। बड़ी बात ये कि विभाग को इस बात की भनक भी नहीं 20 वर्ष पहले सन 2000 में महाराजगंज से ट्रान्सफर होकर मऊ में आना और उसके 11 साल के बाद बाद सर्विस बुक में इंट्री होना दर्शाता है कि विभागीय स्तर पर किस कदर लापरवाही हुई।
जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं उनके हिसाब से उसके वर्ष 2000 महाराजगंज जिले से स्थानान्तरित होकर आने की सूचना दर्ज है। जबकि इसके उलट प्रथम प्रविष्टि 2011 में है। उसके खिलाफ हुई जांच में फर्जी पाये जाने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया। अब उसके ख़िलाफ़ उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।