आलम यह था मंगलवार को मौनी अमावस्या के बाद काशी में गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ सहित संकट मोचन हनुमान जी, काशी के कोतवाल कालभैरव और मां अन्नपूर्णा के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं के सैलाब के आगे वाराणसी प्रशासन के सारे इंतजाम धरे रह गए। शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं जो जाम की चपेट में न हो। सुबह से ही कैट से सिगरा, रथयात्रा, गुरुबाग, लक्सा, गिरिजाघर होते दशाश्वमेध घाट जाने वाले मार्ग पर जबरदस्त जाम लगा रहा। जाम हटाने के लिए पुलिस कर्मियों के पसीने छूट रहे थे। रथयात्रा से साजन तिराहे तक तक ट्रैफिक रेंग रही थी। उधर गोदौलिया चौराहे पर तो सावन के सोमवार या महाशिवरात्रि जैसा दृश्य नजर आया। इधर नीचीबाग से ज्ञानवापी छत्ता द्वार पहुंचने वालों की कतार लगी थी तो उधर दशाश्वमेध घाट से ज्ञानवापी जाने वालों की लंबी अटूट कतार नजर आई।
सबसे अहम् ये कि श्री काशी विश्वनथ मंदिर दर्शन करने आने वालों के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटित विश्वनाथ मंदिर हेल्प डेस्क सेंटर आज के रोज ही बंद होने से श्रद्धालुओं को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। बता दें कि यह हेल्प डेस्क सेंटर खोला ही इसलिए गया था कि दूर दराज से आने वाले दर्शनार्थियों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। लेकिन इसके बंद रहने से दर्शार्थियों में काफी रोष भी नजर आया। गुजरात, महाराष्ट्र से पहुंचे दर्शनार्थियों ने कहा कि हमने तो पढा था कि अब काशी में बाबा के दर्शन करने के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी। वहां हम जैसे लोगों के लिए हेल्प डेस्क सेंटर खुल गया है। लेकिन जब इस सेंटर पर पहुंचे तो शटर गिरा मिला देख कर मायूसी हुई।