प्रवेश परीक्षा देने के बाद भी अभ्यर्थियों को होगा सत्यापन
वाराणसीPublished: Aug 27, 2016 07:38:00 am
विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षार्थियों की तीन स्तर पर सत्यापन कराने का निर्णय किया है
वाराणसी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने आयुष प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़े रोकने की सारी तैयारी की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षार्थियों की तीन स्तर पर सत्यापन कराने का निर्णय किया है। गौरतलब है कि पहली बार आयुष की प्रवेश परीक्षा हो रही है, जिसकी जिम्मेदारी काशी विद्यापीठ प्रशासन को सौंपी गयी है।
आयुष प्रवेश परीक्षा के तहत यूनानी, आयुर्वेदिक व होम्यिोपैथिक पाठ्यक्रम में छात्र व छात्राओं को प्रवेश दिया जायेगा। काशी विद्यापीठ प्रशासन ने ऑनलाइन प्रवेश फार्म जारी कर दिया है, जिस भरने की अंतिम तिथि 6 सितम्बर निर्धारित की गयी है। जबकि 25 सितम्बर को प्रवेश परीक्षा करायी जायेगी।
जानिए कैसे होगा परीक्षार्थियों का सत्यापन
प्रवेश परीक्षा सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की गयी है। परीक्षार्थियों को एक घंटे पहले ही परीक्षा केन्द्र पर आना होगा। इसके बाद अभ्यर्थियों की जांच की जायेगी, ताकि संभावित मुन्ना भाई को पकड़ा जा सके। कुलसचिव ओमप्रकाश के अनुसार प्रवेश फार्म के आधार पर अभ्यर्थियों का बायोमीट्रिक डेटा तैयार किया जायेगा। अभ्यर्थियों की बायोमीट्रिक्स उपस्थिति भी होगी, जिससे सही अभ्यर्थी ही परीक्षा केन्द्र में पहुंचे। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा केन्द्रों की फोटोग्राफी भी करायेगा। इससे पता चल सकेगा कि किस जगह किस परीक्षार्थी ने परीक्षा दी थी।
जानिए प्रवेश के बाद कैसे किया जायेगा छात्रों को सत्यापित
परीक्षार्थियों का तीन चरण में सत्यापन कराने की तैयारी की गयी है। प्रवेश परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद काउंसलिंग होती है उस समय अभ्यर्थियों का फिर से सत्यापन होगा। इसके बाद प्रवेश लेने के बाद अभ्यर्थियों को फिर से अपनी पहचान साबित करनी होगी। अभ्यर्थियों को अंतिम बार सत्यापन प्रवेश लेने के छह माह बाद होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन को विश्वास है कि ऐसा करने से वह प्रवेश परीक्षा में होने वाली फर्जीगिरी रोक सकेंगे।
व्यापमं घोटोल की हुई थी गूंज
मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाल की सारे देश में गूंज हुई थी दर्जनों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद में प्रवेश दिलाने के आरोप में कई मेडिकल छात्रों को एसटीफ आज भी खोज रही है। व्यापमं घोटाले का कनेक्शन वाराणसी से भी जुड़ा था इसलिए काशी विद्यापीठ प्रशासन व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए सारी कवायद कर रहा है।