मौजूदा स्थिति को लेकर जताई चिंता मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस बैठक में शामिल हुए सदस्यों ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चिंता जताई। मस्जिद को लेकर पैदा हुए हालात और मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह तय किया गया कि मुस्लिम पक्ष की ज्ञानवापी केस लड़ने में हर तरह की मदद की जाएगी।
ज्ञानवापी सर्वे पर जताई नाराजगी गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ज्ञानवापी सर्वे को लेकर नाराजगी जताई है। एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद बनारस, मस्जिद है और रहेगी। उसको मंदिर बनाने का कुप्रयास सांप्रदायिक घृणा करने की साजिश से ज्यादा और कुछ नहीं। उन्होंने दावा किया है कि यह एतिहासिक तथ्यों और कानून के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि 1937 के दीन मोहम्मद बनाव राज्य सचिव मामले में अदालत ने मौखिक गवाही और दस्तावेजों में यह निर्धारित किया गया है कि पूरा परिसर ही मुस्लिम वक्फ बोर्ड के स्वामित्व के पास है और मुस्लमानों को इसमें नमाज अदा करने का हक है। अदालत ने यह भी तय किया कि विवादित भूमि में से कितना भाग मस्जिद है और कितना भाग मंदिर है, उसी समय वजूखाना को मस्जिद की मिल्कियत स्वीकार किया गया।