DLW सहित 7 रेल उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण पर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की बैठक में बड़ा फैसलाआंदोलन को देश व्यापी बनाने को जोनल रेलो को जोड़ने का ऐलान
एआईआरएफ की बैठक
वाराणसी. डीएलडब्ल्यू सहित देश की सात रेल उत्पादन इकाइयो के निगमीकरण के केंद्र सरकार के फैसले के विरुद्ध ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) ने बड़ा फैसला लिया है। एआईआरएफ के पदाधिकारियों ने कहा है कि सरकार के इस प्रकार के किसी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा उत्पादन इकाई के कर्मचारी खुद को अकेला महसूस ना करें। एआईआरएफ की सभी जोनल यूनिट आपके संघर्ष में बराबर की भागीदारी करेगी। इसके लिए जल्द ही एआईआरएफ के स्टैंडिंग कमिटी की बैठक बुलाकर पूरे इंडियन रेलवे में 26 अगस्त से 31 अगस्त तक निगमीकरण एवं निजीकरण के मुद्दे पर एक साथ धरना प्रदर्शन एवं सभाएं की जाएंगी, जिस पर जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा। अगर सरकार की तरफ से निगमीकरण का कोई भी प्रयास किया गया तो जोनल रेलवे को साथ में लेकर पूरे देश भर में रेल का ट्रैत जाम करने से भी एआईआरएफ पीछे नहीं हटेगी। साथ ही महामंत्री ने ये भी कहा कि सरकार के इस प्रकार के किसी भी निर्णय पर उत्पादन इकाई के कर्मचारी निर्णायक लड़ाई के लिए हमेशा अपने आप को तैयार रखे।
बैठक में लिए गए निर्णय के बाबत डीएलडब्ल्यू मेंस यूनियन के महामंत्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव के हवाले मीडिया प्रभारी अविनाश पाठक ने पत्रिका को बताया कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने रेल मंत्रालय के 100 डे एक्शन प्लान के पैर ( 6 ) में दिए डी एल डब्लु समेत भारतीय रेल के सभी उत्पादन इकाई और बताया कि कारखानों के निगमीकरण की योजना के तहत जिस विश्लेषण की बात कही गई है। उसके विरोध के लिए राष्ट्रीय स्तर आंदोलन की रणनीति बनाने को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) की सभी सातों उत्पादन इकाई की संबद्ध यूनियनों की दिल्ली में बैठक बुलाई थी। इसमें सभी सातों उत्पादन इकाई के पदाधिकारियों व एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने बुधवार की देर रात्रि तक निगमीकरण आंदोलन को पूरे भारतीय रेल में फैलाने कि संभावना पर मंथन किया। डीएलडब्ल्यू मेंस यूनियन वाराणसी, सीएलडब्ल्यू चितरंजन, आर सी एफ कपूरथला, डी एम डब्ल्यू पटियाला, ह्वील एक्सेल प्लांट बंगलूरू, आई सी एफ चेन्नई व एम सी एफ रायबरेली के प्रतिनिधि सम्मिलित हु। बैठक में एआईआरएफ के विशेष आमंत्रण पर एआईआरएफ कार्यालय में मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल भी मौजूदगी रहे, जिन्हे एआईआरएफ द्वारा उत्पादन इकाइयों की तरफ से विशेष रूप से तैयार किया गया। डिजिटल रीप्रसेंटेशन प्रस्तुत कर उत्पादन इकाई के कर्मचारियों का पक्ष रखा गया ,जिसे देख कर मेंबर रोलिंग स्टॉक ने कर्मचारियों द्वारा किए गए उत्पादन कार्यों पर संतुष्टि व्यक्त किया तथा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कर्मचारियों का पक्ष रेल मंत्रालय तक पहुंचा दिया जाएगा। ये भी कहा कि उत्पादन इकाइयों के कर्मचारियों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
इसके उपरांत सभा में शामिल सभी उत्पादन इकाईयो के प्रतिनिधि एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा के नेतृत्व में रेलवे बोर्ड जा कर चेयरमैन रेलवे बोर्ड विनोद कुमार यादव से मुलाकात की। वहां सभी उत्पादन इकाई से आए प्रतिनिधियों ने अपना अपना पक्ष रखा। डी एल डब्ल्यू की तरफ से महामंत्री डी एल डब्ल्यू मेंस यूनियन अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखा। इसके उपरांत सातों उत्पादन इकाइयों की तरफ से संयुक्त पक्ष रखते हुए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री गोपाल मिश्रा ने कहा की जब प्रोडक्शन यूनिट पूरी कामयाबी के साथ अपना काम कर रहे हैं तो इसके निगमीकरण की बात क्यों की जा रही है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का आश्वासन चेयरमैन ने सभी को आश्वस्त किया कि फिलहाल 100 दिन में कुछ नहीं होने जा रहा है। अभी एक स्टडी भर कराई जा रही है कोई भी फैसला बिना कर्मचारियों की सहमति के नहीं होगा और ऐसा भी कोई फैसला नहीं होगा जो कर्मचारियों के खिलाफ हो। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद यादव ने कर्मचारी नेताओं की शंका का समाधान करते हुए साफ कर दिया कि फिलहाल कोई भी उत्पादन इकाई अभी निगम में तब्दील नहीं होने जा रही है उन्होंने विस्तार से पूरी जानकारी दी और कहा सरकार ने एक 100 दिन की कार्ययोजना तैयार की है जिसमें कुल 6 मुद्दे हैं जिसमें एक मुद्दा उत्पादन इकाइयों से जुड़ा हुआ है, और जहां तक सवाल है हम जानते हैं कि सीमित संसाधनों में हमारे रेल कर्मचारियों ने बेहतर नतीजे दिए हैं ,उनसे जो अपेक्षा की गई है वह उस पर खरे उतरे हैं, चेयरमैन यादव ने कहा कि किसी को घबराने की कोई जरूरत नहीं है ,कम से कम वह अपने कार्यकाल में ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे जिससे कर्मचारियों का अहित हो सरकार के एजेंडे पर मात्र स्टडी कराई जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने पर बहुत ही विस्तार से बात होगी इस बातचीत में फेडरेशन को भी शामिल किया जाएगा, चेयरमैन ने कहा कि कर्मचारियों की क्षमता और काबिलियत पर किसी को शक नहीं है, स्टडी होने दीजिए दुनिया को हमारी असलियत की जानकारी होगी। इस स्टडी से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इससे हमारे काम पर प्रगति का ठप्पा लग जाएगा।
औद्योगिक शांति के लिए जरूरी है कि कर्मचारियों की मेहनत का सम्मान रेलवे बोर्ड के कमेटी रूम में हुई इस मुलाकात के दौरान ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि 100 दिन की कार्ययोजना से प्रोडक्शन यूनिट के कर्मचारियों में नाराजगी है। सभी प्रोडक्शन यूनिट अपने लक्ष्य से ज्यादा रिकॉर्ड उत्पादन कर रहे हैं जबकि सभी जगह काफी वैकेंसी भी खाली पड़ी हुई है। एक तरफ प्रोडक्शन यूनिट की संसद में तारीफ की जा रही है, उन्हें अच्छे काम के लिए शील्ड प्रदान किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर इन्हें निगम में तब्दील करने की भी बात हो रही है। महामंत्री ने कहा की औद्योगिक शांति के लिए जरूरी है कि कर्मचारियों की मेहनत का सम्मान किया जाए और सरकारी कर्मचारियों को सरकारी ही रहने दिया जाए। महामंत्री ने कहा की उत्पादन इकाइयों के कर्मचारियों को जो भी लक्ष्य दिया जाएगा वह पूरी मेहनत से उसे पूरा करेंगे। महामंत्री गोपाल मिश्र ने कहा रेल कर्मचारियों को तकलीफ इस बात की है, जहा बेहतर काम करने का पुरस्कार दिया जाता है वही रेल के कर्मचारियों को निगम का तोहफा दिया जा रहा है इससे न सिर्फ कर्मचारी बल्कि उनके परिवार के लोग भी सशंकित हैं।
बैठक में ये रहे शामिल दिल्ली में संपन्न मीटिंग में डीएलडब्लू वाराणसी से डीएलडब्लू मेंस यूनियन के महामंत्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव, एआईआर के जोनल सेक्रेट्री डॉ प्रदीप शर्मा, डीएलडब्लू मेंस यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष अजय कुमार, सहायक महामंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी ,रवी शंकर सिंह एवं राजेश कुशवाहा ने भाग लिया।