पिता की पार्टी के समर्थन से जीता था बाहुबली बता दें कि, सपा उम्मीदवार प्रवीण के पिता संजय निषाद ने 2017 के चुनाव में दो बाहुबलियों को मैदान में उतारा था। जिसमें ज्ञानपुर सीट पर बाहुबली विजय मिश्र ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं निषाद पार्टी से चुनाव लड़े जौनपुर जिले की मल्हनी सीट से बाहुबली धनंजय सिंह ने तकरीबन पचास हजार वोट हासिल कर सबकों चौंका दिया था। हालांकि धनंजय को जीत तो नहीं मिल सकी। लेकिन निषाद पार्टी ने बड़ी ताकत जरूर दिखा दी।
पिता की पार्टी के चाणक्य माने जाते हैं प्रवीण प्रवीण को सपा ने उम्मीदवार इसलिए भी बनाया है कि. इंजीनियर प्रवीण निषाद पार्टी के लिए रणनीति बनाने में माहिर रहे हैं। कहा जाता है कि, प्रवीण की ही देन रही है कि उन्होंने कम समय में ही पिता की राजनीति कद को ऊंचा उठाने में काफी काम किया है। ऐसे में इस नेता का अखिलेश साथ जुड़ना इस दौर में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में सपा अगर इस सीट के सहारे निषाद वोटरों में सेंधमारी करती है तो आने वाले समय में भाजपा के लिए परेशानी जरूर हो सकती है। हालांकि गोरखपुर सीट पर भाजपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। यहां बीजेपी को हरा पाना किसी भी दल के लिए आसान नहीं कहा जा सकता। लेकिन अखिलेश यादव की चाल ने हर राजनीतिक दलों को संकट में तो डाल ही दिया है।
बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए प्रसिद्ध चिकित्सक डाॅ.सुरहिता करीम को प्रत्याशी बनाया है। डाॅ.सुरहिता कांग्रेस से लंबे समय से जुड़ी हैं। वर्तमान में वह कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता हैं। अभी बेजीपी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
by- आशीष शुक्ला