सूत्रों के मुताबिक पार्टी सुप्रीमों ने बनारस के लोगों से दो टूक कहा कि आप खुद अपना उम्मीदवार चुनो। आप जो भी नाम तय करोगे हम उसे टिकट दे देंगे। साथ ही यह भी कहा कि जो भी चुनाव लड़ना चाहता है उसे अपना बेस वोट भी दिखाना होगा। अखिलेश यादव की इस बात पर बैठक में सन्नाटा पसर गया।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि हमने बसपा के साथ गठबंधन किया है, अब और किसी के साथ गठबंधन नहीं करने जा रहे। यूपी में सपा-बसपा गठबंधन ही चुनाव लड़ेगा। यानी उन्होंने इस बयान के जरिए उन चर्चाओं पर भी विराम लगा दिया कि वह कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन दे सकते हैं मोदी को हराने के लिए।
सूत्रों ने बताया कि बैठक सुबह 10 बजे शुरू हुई लेकिन थोड़ी ही देर में अखिलेश कहीं चले गए फिर वह पांच घंटे बाद लौटे। उन्होंने वाराणसी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से प्रत्याशी के बारे में पूछा फिर दो टूक जवाब भी दे दिया।
ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019- सपा ने तय किया मोदी के खिलाफ कौन होगा उम्मीदवार, अखिलेश यादव करेगे बड़ा धमाका अखिलेश यादव की गैरमौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने वाराणसी के लोगों को बीजेपी की मजबूती के बारे में भी बताया। साथ ही बूथ और विधानसभा, जोन तथा सेक्टर संगठन की जानकारी भी हासिल की। इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से प्रदेश के पूर्व लोकनिर्माण राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा। लेकिन अखिलेश के बेस वोट के मुद्दे पर बात बनती नजर नहीं आई।
बता दें कि यूपी की हाईप्रोफाइल सीटों में बनारस ही एक ऐसी संसदीय सीट है जिसके लिए अब तक विपक्ष ने अपना पत्ता नहीं खोला है। उधर भाजपा संसदीय दल की बैठक में यह तय कर लिया गया है कि नरेंद्र मोदी ही बनारस से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ेंगे। ऐेसे में विपक्ष को किसी कद्धावर नेता की तलाश है जो मोदी को टक्कर दे सके। पिछली बार यानी 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने टक्कर दी थी। कांग्रेस तीसरे, बसपा चौथे और सपा पांचवें नंबर पर थी। इन सभी दलों के प्रत्याशी पांच अंक का आंकड़ा भी नहीं छू सके थे।