यूपी चुनाव से पहले अखिलेश यादव व राहुल गांधी की पार्टी ने गठबंधन किया था। इसके बाद कई बार ऐसा मौका आया था जब दोनों नेताओं ने साथ चुनाव प्रचार किया था इससे कार्यकर्ताओं में संदेश गया था कि जमीन स्तर पर भी गठबंधन करें। इसके बाद भी सपा व कांग्रेस गठबंधन को चुनाव में करारी शिकस्त खानी पड़ी थी। इसके बाद गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव में सपा व बसपा मेंं गठबंधन किया है यह गठबंधन कितना सफल होता है यह तो समय ही बतायेगा। इतना तो साफ हो गया है कि बसपा के वोटरों को ही सपा के पक्ष में मतदान करना है जिसके लिए बसपा सुप्रीमो मायावती का चुनाव प्रचार करना बहुत जरूरी है जिसका अभी तक ऐलान नहीं किया गया।
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सीएम योगी की तरह अखिलेश यादव कर रहे ताबड़तोड़ चुनावी प्रचार
गोरखपुर व फूलपुर संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी मोदी अपनी पार्टी बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं इसके चलते सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली है। सपा की तरफ से अखिलेश यादव ने ताबड़तोड़ चुनावी प्रचार करना शुरू कर दिया है गोरखपुर में प्रचार कर चुके हैं और 9 मार्च को फूलपुर में कई जनसभा व रोड शो करेंगे। ऐसे में अखिलेश यादव सभा में सपा व गठबंधन के मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान करेंगे, लेकिन मंच पर मायावती के नहीं होने से उनकी अपील बेअसर भी हो सकती है। ऐसे में सपा व बसपा के गठबंधन को धरातल पर उतराने के लिए अखिलेश यादव व मायावती के लिए मंच साझा करने की जरूरत है।
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गोरखपुर व फूलपुर संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी मोदी अपनी पार्टी बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं इसके चलते सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली है। सपा की तरफ से अखिलेश यादव ने ताबड़तोड़ चुनावी प्रचार करना शुरू कर दिया है गोरखपुर में प्रचार कर चुके हैं और 9 मार्च को फूलपुर में कई जनसभा व रोड शो करेंगे। ऐसे में अखिलेश यादव सभा में सपा व गठबंधन के मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान करेंगे, लेकिन मंच पर मायावती के नहीं होने से उनकी अपील बेअसर भी हो सकती है। ऐसे में सपा व बसपा के गठबंधन को धरातल पर उतराने के लिए अखिलेश यादव व मायावती के लिए मंच साझा करने की जरूरत है।
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