बता दें कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पिछले दिनों पार्टी सांसद और वरिष्ठ नेता के समर्थन में एकजुट होने और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के खिलाफ संघर्ष के संकेत दिए थे। उसके बाद ही पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 9 व 10 सितंबर को रामपुर जाने का फैसला किया था। अखिलेश यादव के इस फैसले के बाद सूबे के सपा कार्यकर्ताओं ने भी अपने नेता के समर्थन में रामपुर जाने का निर्णय किया था। इसमें बनारस के भी कई नेता शामिल थे। लेकिन आरोप है कि अचानक यूपी सरकार के इशारे पर रामपुर प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू करते हुए, मोहर्रम के मद्देनजर वीआईपी सुरक्षा देने में असमर्थता जता दी थी। ऐसे में अखिलेश यादव का 9-10 सितंबर का रामपुर दौरा स्थगित हो गया।
रामपुर दौरा स्थगित करने के बाद मीडिया से मुखातिब अखिलेश ने यूपी सरकार और अधिकारियों पर निशाना साधा। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ सांसद पर सरकार के इशारे पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई का आरोप लगाया। यहां तक कहा कि शासन-प्रशासन गरीब बच्चों को शिक्षा देने पर भी रोक लगाना चाहती है। उन्होंने कहा कि अब वह मोहर्रम के बाद 13-14 सितंबर को रामपुर जाएंगे। उन्होंने बातों ही बातों में पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश भी दे दिया।
अखिलेश यादव के संकेत के बाद कम से कम बनारस के सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के भीतर जबरदस्त उत्साह भरा है। बनारस के कई वरिष्ठ और रसूखदार नेताओं ने अपनी टीम के साथ 13-14 सितंबर को रामपुर जाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि अपने नेता के संकेतों पर हम लोग स्वेच्छा से बड़ी से बड़ी तादाद में रामपुर जाएंगे। इसके तहत उन नेताओं ने अपनी रणनीति भी तय कर ली है। काफी कुरेदने पर भी उन्होने रणनीति का खुलासा करने से इंकार कर दिया।