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पिता बिस्तर पर मां बेसुध : मुश्किलों की मूसलाधार में मासूमों का जीवन बदहाल

locationवाराणसीPublished: Oct 22, 2016 11:34:00 am

Submitted by:

Ashish vajpayee

कुशलगढ़ उपखण्ड के लोहारिया बड़ा गांव का मामला, आस पड़ोस से मिलता है सहयोग, लेकिन प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

Father is on bed, mother unconscious : innocent li

Father is on bed, mother unconscious : innocent life is odds

टापरे में अभावों में गुजर-बसर करते बच्चे। पिता बीमारी से पीडि़त तो मां की भी स्थिति कुछ ठीक नहीं। मदद के लिए एक वर्ष से गुहार, लेकिन शासन-प्रशासन बेपरवाह, ऐसे में दुआ के दम पर जिन्दगी का सफर कट रहा है। कुछ ऐसी ही दास्तां कुशलगढ़ उपखण्ड के लोहारिया बड़ा गांव में एक परिवार में जिन्दगी बसर कर रहे दो बच्चों की है। बच्चों का नाम तो रानी व कन्हैया है, लेकिन उनके जो हालात हैं, वे काफी दयनीय हैं।
यह है परिवार की स्थिति

परिवार में पांच वर्ष की रानी एवं 6 वर्ष का कन्हैया कहने को तो पिता मूलचंद एवं माता के साथ रह रहे हैं, लेकिन अभावों के साये में हंै। पिता पिछले दस वर्षों से गंभीर बीमारी से पीडि़त है। मां कल्पना की स्थिति भी ठीक नहीं है। मूलचंद की एक बड़ी बेटी भी है, जिसका पालन-पोषण मौसी कर रही है। दोनों बच्चों को निजी विद्यालय की ओर से निशुल्क शिक्षा दी जा रही है।
चाइल्ड लाइन की टीम को ग्रामीणों ने बताया कि एक वर्ष पूर्व शिविर में प्रशासन को परिवार की हालत बताकर मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन अब तक सहयोग के लिए कोई भी आगे नहीं आया। आर्थिक तंगी में कभी-कभार आसपड़ोस के लोग मदद कर देते हंै। लेकिन कई बार स्थितियां बेहद गंभीर हो जाती है। ऐसे में परिवार को संबल की दरकार है।
इनका कहना है


चाइल्ड लाइन को सूचना मिलने पर टीम के कमलेश बुनकर व कांतिलाल परिवार तक पहुंचे थे। बच्चों की स्थिति बेहद ही दर्दनाक है। ऐसे में सहयोग के लिए बाल कल्याण समिति, प्रशासन एवं सामाजिक न्याय -अधिकारिता विभाग को भी लिखा है।
प्रमोद पंड्या, कॉर्डिनेटर चाइल्ड लाइन
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