scriptश्री काशी विश्वनाथ मंदिर को उड़ाने की धमकी, अलर्ट घोषित, बढ़ी सुरक्षा | Alert declared after blast threat of Shri Kashi Vishwanath Temple | Patrika News

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को उड़ाने की धमकी, अलर्ट घोषित, बढ़ी सुरक्षा

locationवाराणसीPublished: Jun 06, 2018 03:27:50 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने दी है धमकी। आईबी को मिला था लेटर।

विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा

विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा

वाराणसी. पहले ही पांच आतंकी वारदात झेल चुकी काशी को एक बार फिर से दहलाने की कोशिश की गई है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ओर से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को उड़ाने की धमकी दी गई है। दो जून को जारी पत्र में छह से आठ जून के बीच मंदिर को बम से उड़ाने का उल्लेख है। इस सूचना को प्रदेश शासन ने गंभीरता से लेते हुए हाई अलर्ट जारी किया है। इस बाबत ज्ञानवापी एसओ शैलेंद्न राय ने पत्रिका को बताया कि वैसे तो पहले से ही यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं लेकिन इस तरह की सूचना मिलते ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर में हाई अलर्ट जारी कर सुरक्षा टाइट कर दी गई है। मंदिर के सभी प्वाइंट्स पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को सख्त हिदायत दे दी गई है।
जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जम्मू कश्मीर के एरिया कमांडर मौलाना अंबु शेख के नाम से यह धमकी भरा पत्र भेजा गया है। पत्र के मुताबिक आठ जून को मंदिर को बम से उड़ाए जाने की सूचना है। बता दें कि इससे पहले मई 2017 में भी ऐसा ही एक धमकी भरा पत्र मिला था जिसमें प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों को उड़ाने की बात लिखी गई थी। इस बार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि को भी उड़ाने की धमकी दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक आईबी द्वारा यूपी के डीजीपी कार्यालय को दो जून को एक लेटर जारी किया गया था। लेटर में लिखा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में मिले एक पत्र की जांच की जाए। इसमें सहारनपुर और हापुड़ रेलवे स्टेशन को 6 जून और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर को 8 जून को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
पहले ही पांच आतंकी वारदात झेल चुकी है काशी


-इसके तहत 23 फरवरी 2005 में दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के पहले विस्फोट हुआ था जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी और 12 जख्मी हुए थे। 28 फरवरी को कंटेनर बरामद हुआ था जो पाकिस्तान निर्मित था। इसी तरह के विस्फोटक से कश्मील के राज्यपाल का घर उड़ाया गया था। हालांकि तब पुलिस ने उस घटना को सिलेंडर विस्फोट करार दिया था।
-28 जुलाई 2005 को श्रमजीवी एक्सप्रेस में वाराणसी-जौनपुर रेल मार्ग पर हुए विस्फोट में पांच लोगों की मौत हुई थी जबकि दर्जनों जख्मी हुए थे।
– फिर सात मार्च 2006 को संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में 18 लोगों की जान गई थी जबकि 53 लोग जख्मी हुए थे।
-23 नवंबर 2007 को कचहरी में विस्फोट हुआ जिसमें नौ लोगों की मौत हुई और 50 लोग घायल हो गए थे।
– सात दिसंबर 20010 को शीतला घाट पर गंगा आरती के तत्काल बाद हुए विस्फोट में दो साल की बच्ची स्वस्तिका की मौत हुई थी जबकि 40 लोग घायल हुए थे।

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