पीएम को समर्पित रहा नाटक, ये की गईं मांग
नुक्कड़ नाटक प्रधानमत्री को समर्पित किया गया। साथ ही मांग की गई कि उन्नाव कठुआ सासाराम सूरत और ऐसी तमाम घटनाओं में दोषियों के विरुद्ध जांच ,मुकदमे की कार्रवाई और फैसला चार माह के अंदर सुनाया जाए।
– शासन सत्ता या प्रसाशन में बैठे लोगों और जन प्रतिनिधियों के विरुद्ध शिकायतों की जांच तीव्र गति से मजिस्ट्रेट स्तर की स्वतन्त्र जांच कमेटी द्वारा की जाय।
– बलात्कार, हत्या, यौन शोषण के आरोपितों को विधानसभा या संसद में पहुचने के रास्ते देने वाली राजनीतिक पार्टियों के विरुद्ध चुनाव आयोग कोर्ट कार्रवाई करे।
-बच्चो और महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को देखने वाली ग्राम, वार्ड, थाने, स्कूलों-कॉलेजों और जिले से ले कर प्रदेश-देश तक की समितियों की सक्रिय भूमिका का मूल्यांकन किया जाए।
– शिकायत निवारण के लिए बने सभी पदों यथा विशाखा समिति महिला एवं बाल आयोग और कार्य स्थलों पर सामाजिक कार्यकर्ता, महिला पुलिस एवं ज्यूडिशियल अफसर जज की नियुक्ति अविलम्ब की जाए
– सभी पुलिसकर्मियों की हर स्तर पर जेंडर और बाल अधिकारों मानवाधिकारों सम्बन्धी प्रशिक्षण एवं परीक्षा अनिवार्य की जाए.
-कारपोरेट रिस्पांसिबिलिटी के फंड द्वारा अभियान चला कर जनजागृति के संगठित प्रयास किये जाने को अनिवार्य किया जाए
– नई शिक्षा नीति में सभी बच्चो की प्राथमिक शिक्षा के पाठ्य क्रम में जेंडर सम्बन्धी समझदारी लाने वाले पाठ शामिल किए जाएं
– यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी, नेता या व्यक्ति स्वयं अपने विरुद्ध चल रहे मुकदमो शिकायतों को पद और सत्ता का लाभ ले कर स्वयं समाप्त करने का दोषी हो उसे पद से मुक्त किया जाए।
नुक्कड़ नाटक प्रधानमत्री को समर्पित किया गया। साथ ही मांग की गई कि उन्नाव कठुआ सासाराम सूरत और ऐसी तमाम घटनाओं में दोषियों के विरुद्ध जांच ,मुकदमे की कार्रवाई और फैसला चार माह के अंदर सुनाया जाए।
– शासन सत्ता या प्रसाशन में बैठे लोगों और जन प्रतिनिधियों के विरुद्ध शिकायतों की जांच तीव्र गति से मजिस्ट्रेट स्तर की स्वतन्त्र जांच कमेटी द्वारा की जाय।
– बलात्कार, हत्या, यौन शोषण के आरोपितों को विधानसभा या संसद में पहुचने के रास्ते देने वाली राजनीतिक पार्टियों के विरुद्ध चुनाव आयोग कोर्ट कार्रवाई करे।
-बच्चो और महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को देखने वाली ग्राम, वार्ड, थाने, स्कूलों-कॉलेजों और जिले से ले कर प्रदेश-देश तक की समितियों की सक्रिय भूमिका का मूल्यांकन किया जाए।
– शिकायत निवारण के लिए बने सभी पदों यथा विशाखा समिति महिला एवं बाल आयोग और कार्य स्थलों पर सामाजिक कार्यकर्ता, महिला पुलिस एवं ज्यूडिशियल अफसर जज की नियुक्ति अविलम्ब की जाए
– सभी पुलिसकर्मियों की हर स्तर पर जेंडर और बाल अधिकारों मानवाधिकारों सम्बन्धी प्रशिक्षण एवं परीक्षा अनिवार्य की जाए.
-कारपोरेट रिस्पांसिबिलिटी के फंड द्वारा अभियान चला कर जनजागृति के संगठित प्रयास किये जाने को अनिवार्य किया जाए
– नई शिक्षा नीति में सभी बच्चो की प्राथमिक शिक्षा के पाठ्य क्रम में जेंडर सम्बन्धी समझदारी लाने वाले पाठ शामिल किए जाएं
– यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी, नेता या व्यक्ति स्वयं अपने विरुद्ध चल रहे मुकदमो शिकायतों को पद और सत्ता का लाभ ले कर स्वयं समाप्त करने का दोषी हो उसे पद से मुक्त किया जाए।