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रेलवे के लिए मुसीबत बन रहे छुट्टा जानवर, रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के कारण प्रभावित हो रहा ट्रेनों का संचालन

locationवाराणसीPublished: Nov 13, 2020 10:52:23 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

– रेलवे के लिए मुसीबत बन रहे छुट्टा जानवर
– पूर्वोत्तर रेलवे मंडल में जनवरी से 11 नवंबर, 2020 तक हुए 788 हादसे
– हर बार हजार से अधिक मवेशी होते हैं प्रभावित
– रेलवे बोर्ड ने जाली लगाने का दिया आदेश

रेलवे के लिए मुसीबत बन रहे छुट्टा जानवर, रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के कारण प्रभावित हो रहा ट्रेनों का संचालन

रेलवे के लिए मुसीबत बन रहे छुट्टा जानवर, रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के कारण प्रभावित हो रहा ट्रेनों का संचालन

वाराणसी. रेलवे के लिए छुट्टा जानवर मुसीबत बन गए हैं। ट्रेनों को गति देने के लिए रेलवे ट्रैकों की क्षमता बढ़ा रहा है, लेकिन मवेशियों के कारण हो रही घटनाएं रेलवे के लिए मुसीबत का काम कर रही हैं। हर साल रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के कारण न केवल रेल संरक्षा प्रभावित हो रही है, बल्कि उनकी जान भी जा रही है। अेकेले वाराणसी पूर्वोत्तर रेलवे मंडल में जनवरी से 11 नवंबर, 2020 तक कुल 788 हादसे हुए हैं, जिसमें बेजुबानों की जान गई है। इससे रेल संचालन भी प्रभावित हुआ है। हालांकि, रेल अधिकारियों का मानना है कि पहले की तुलना में हादसे घटे हैं। हालांकि फिर भी यह चिंता की बात है। यात्रियों की संरक्षा को लेकर यह आकड़ा भी डराने वाला है।
हजार से अधिक मवेशी होते हैं प्रभावित

रेलवे की ओर से केवल संरक्षा सप्ताह के दौरान सजगता बरतने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाता है। इस दौरान रेलवे क्रॉसिंग और घनी आबादी वाले इलाकों में पैम्फलेट वितरित किए जाते हैं। लोगों से अपील की जाती है कि मवेशियों को लेकर रेलवे ट्रैक पर न जाएं। हालांकि संरक्षा जागरुकता सप्ताह के समाप्त होते ही फिर अभियान बंद हो जाता है। लोग फिर से बेपरवाह की तरह मवेशियों को खुला छोड़ देते हैं। इसी का नतीजा है कि हर बार इस तरह के हजार से अधिक हादसे होते रहते हैं।
रेलवे बोर्ड ने जाली लगाने का दिया आदेश

इस तरह के हादसों को रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने आदेश किया है कि घनी आबादी वाले क्षेत्र में रेल ट्रैक के किनारे चहारदीवारी या जाली लगाई जाए। इससे हादसों से बचा जा सकता है। अभी तक वाराणसी में केवल मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन से लेकर लहरतारा पुल तक ही जाली व दीवार बनाई गई है।
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