बुधवार दोपर दो बजे से वादी हिंदू पक्ष रखेगा अपनी दलील सुनवाई के दौरान प्रतिवादी के अधिवक्ता ने कहा कि वादी पक्ष का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है और उसे खारिज कर दिया जाए। इसके बाद हिंदू पक्ष ने अपनी बहस शुरू की। कहा कि नमाज पढ़ने से कोई जगह मस्जिद नहीं हो जाती है। हमारा मुकदमा सुनवाई योग्य है। ज्ञानवापी प्रकरण में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है। दलीलों को सुनने के बाद जिला जज की अदात ने कहा कि आगे की सुनवाई बुधवार की दोपहर बजे से होगी।
वादी की दलील सुनने के बाद आएगा अंतिम आदेश वादी की दलीलों को सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत अपना आदेश सुनाएगी। यहां ये भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज अदालत वादी प्रतिवादी (हिंदू और मुस्लिम पक्ष) की दलीलें सुन रही है। इससे पहले 4 जुलाई को सुनवाई हुई थी, तब प्रतिवादी ने वादी के 51 बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश की थीं।
2021 में दाखिल हुआ था शृंगार गौरी केस
बता दें कि मां शृंगार गौरी से संबंधित मुकदमा कोर्ट में 18 अगस्त 2021 को राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था।