वाराणसीPublished: Jul 11, 2021 09:01:32 pm
रफतउद्दीन फरीद
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत को शिवपुर स्थित उनके अन्नपूर्णा आश्रम में भू समाधि दी गई।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. काशी के अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी के पार्थिव शरीर को गंगा में जल समाधि नहीं दी गई। ऐसा श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के संतों महंतों के बीच मंत्रणा के बाद किया गया। रात में ही अखाड़े के संत महंत विश्वनाथ गली स्थित अन्नपूर्णा मंदिर से लेकर शिवपुर स्थित उनके अन्नपूर्णा आश्रम में ले आए। कहा जा रहा है कि गंगा में निर्मलीकरण को लेकर सार्थक संदेश देने के लिये भू सामाधि का विकल्प स्वीकार किया गया। महंत रामेश्वरपुरी अपने जीवनकाल में गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर काफी चिंतित रहते थे और उन्होंने गंगा के निर्मलीकरण को लेकर काफी काम भी किये हैं। ललिता घाट पर दैनिक आरती का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। बताते चलें कि महंत रामेश्वरपुरी का निधन 67 वर्ष की आयु में शनिवार को हुआ। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिये अन्नपूर्णा मंदिर लाया गया। हरिद्वार कुंभ के दौरान वह कोविड से संक्रमित हुए थे इलाज के बाद वह वापस मंदिर आ गए थे। 11 जून को फिर तबीयत खराब होने पर मेदांता लखनऊ ले जाए गए थे पर डॉक्टरों के जवाब देने के बाद उन्हें वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार दोपहर 3.30 बजे उनका निधन हुआ था।