scriptकाशी में चार दिनों तक बंटेगा मां अन्नपूर्णा का ‘खजाना’, धनतेरस से होंगे माता की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन | Annapurna Mandir Open for Four Days Darshan will Start from Dhanteras | Patrika News

काशी में चार दिनों तक बंटेगा मां अन्नपूर्णा का ‘खजाना’, धनतेरस से होंगे माता की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन

locationवाराणसीPublished: Nov 01, 2021 09:16:14 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

Annapurna Mandir Open for Four Days Darshan will Start from Dhanteras- अन्न-धन की देवी मां अन्नपूर्णा का दरबार (Annapurna Mandir) सज चुका है। साल भर में सिर्फ चार दिन धनतेरस (Dhanteras) से अन्नकूट तक यह मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खुलता है। अन्य दिनों में मंदिर के गर्भगृह में स्थापित प्रतीकात्मक प्रतिमा की पूजा होती है।

Annapurna Mandir Open for Four Days Darshan will Start from Dhanteras

Annapurna Mandir Open for Four Days Darshan will Start from Dhanteras

वाराणसी. Annapurna Mandir Open for Four Days Darshan will Start from Dhanteras. अन्न-धन की देवी मां अन्नपूर्णा का दरबार (Annapurna Mandir) सज चुका है। साल भर में सिर्फ चार दिन धनतेरस (Dhanteras) से अन्नकूट तक यह मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खुलता है। अन्य दिनों में मंदिर के गर्भगृह में स्थापित प्रतीकात्मक प्रतिमा की पूजा होती है। इस बार दो से पांच नवंबर तक मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी प्रतिमा के दर्शन भक्तों को होंगे। इन चार दिनों में बाबा विश्वनाथ से सटे मां अन्नपूर्णा मंदिर की पहली मंजिल पर मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमय दर्शन होंगे। मां अन्नपूर्णा के साथ यहां महादेव भी विराजते हैं जो अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगते हुए यहां नजर आते हैं। इस दर्शन के लिए हर साल देश भर से लाखों श्रद्धालु काशी पहुंचते हैं।
कोविड की गाइडलाइन के साथ होंगे दर्शन

इस बार भक्तों को पिछली बार की तरह कोविड गाइडलाइन के साथ दर्शन कराए जाएंगे। भोर में 4 बजे से रात 11 बजे तक दर्शन का समय रहेगा। वीआईपी समय शाम 5 से 7 रहेगा। भक्त मंदिर के प्रथम तल पर माता के दर्शन कर सकेंगे।पहली मंजिल पर परंपराओं के मुताबिक मां के दर्शन होंगे और गेट पर ही माता का खजाना और लावा बांटा भक्तों में बांटा जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से मंदिर परिक्षेत्र में 21 कैमरे अलग से लगाए गए हैं।
अन्नकूट के दिन लगेगा 551 कुंतल का छप्पन भोग

माता के दरबार में इस बार 551 कुंतल का छप्पन भोग लगाया जाएगा। विभिन्न प्रकार के मिष्ठान बनाने के लिए 75 कारीगर दिन रात काम कर रहे हैं। दर्शन करने आने वालों को मां के खजाने के रूप में चावल, धान का लावा और सिक्का (अठन्नी) दिया जाता है। यह सिक्का भक्तों के लिए कुबेर से कम नहीं है। मान्यता है कि देवी के इस खजाने को जो भी भक्त पाता है उसे वह अपने लॉकर में रखता है। उस पर खजाने वाली देवी की कृपा बना रहती है और उसे धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
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