संस्थान के नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के शत्रारंभ तथा 6 दिवसीय अधिस्थापन का बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने उद्धाटन किया। बता दें कि लेडी श्री राम कॉलेज से स्नातक और दिल्ली स्कूल ऑफ़ ईकोनॉमिक्स से स्नातकोत्तर के बाद अंशुला ने 1983 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) पीओ पद पर जॉइन किया था। उन्होंने नए छात्रों को भारत की अर्थव्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण भारत में कार्य के अवसर विभिन्न क्षेत्रो में व्यापक हैं। विकास-कार्य गति पकड़ रहे है। प्रधानमंत्री के कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि उनकी ग़रीबों के लिए चलाई गई योजनाएं, मसलन ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’, ‘डिजिटल इंडिया’, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अनेक योजानाएं हैं जो भारत के गांवों की वित्त व्यवस्था को रफ़्तार पकड़ने में मदद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि एसबीआई सरकारी बैंक होने के नाते ग्रामीण भारत के विकास में किस प्रकार से सरकार के योजनाओं को आगे बढ़ाने में अहं भूमिका निभा रही है।
एक छात्र के सवाल कि, क्या वह अपने आप को भाग्यशाली मानती है कि आज वो इतने बड़े ओहदेपर है ? जवाब में अंशुला ने आत्मविश्वास भरे स्वर में कहा की कोई भी इंसान भाग्यशाली नहीं पैदा होता है, उसे अपना भाग्य ख़ुद बनाना होता है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष बीएचयू कुलपति प्रो.राकेश भटनागर ने नवागंतुक विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि प्रबंध किस प्रकार से हमारे रोज़मर्रा के कामों को आसान बना देता है। उन्होंने टाइम मैनेजमेंट के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उद्यमिता के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए बताया कि प्रबंध संस्थान में ‘अटल इंक्युबेशन सेंटर’ मौजूद है जहां विद्यार्थी अपने उद्यमी स्वरूप को दिशा दे सकते है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो.एसके दूबे ने उपलब्धियों की जानकारी दी। विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा की उनको अपने अंदर सीखने की योग्यता और ललक विकसित करनी है। उन्होंने ये भी बताया कि शिक्षा में दूसरों की नक़ल ना करे।
इस मौक़े पर संस्थान के छात्र सलाहकार डॉ.शशि श्रीवास्तव, प्रो.आशीष वाजपेयी, प्रो.आलोक राय, प्रो.पी.वी.राजीव, डॉ. राजकिरण प्रभाकर, डॉ अमित गौतम, डॉ अनिंदिता चक्रवर्ती आदि मौजूद रहे। संचालन विस्वविद्यालय प्लेस्मेंट-सेल के समन्वयक प्रो. एच.पी.माथुर ने किया जबकि प्रो. पी.एस.त्रिपाठी ने आभार जताया।