scriptअब स्कूल में आपके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकेंगे शिक्षक, एप बताएगा सही बात | App will check the reality of student strength in UPGovernment schools | Patrika News

अब स्कूल में आपके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकेंगे शिक्षक, एप बताएगा सही बात

locationगोरखपुरPublished: Aug 14, 2019 10:17:07 am

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र सहित यूपी के पांच जिलों में लागू किया जा रहा पायलट प्रोजेक्टप्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद पूरे यूपी में लागू करने की तैयारी

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Students sitting on the road taking basic amenities

बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी आंकड़ों के आधार पर चल रह परिषदीय स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। शिक्षक अपने विद्यालयों में छात्रों की संख्या में फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे। छात्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर तमाम जगहों पर शिकायतें मिलती रहती है। रजिस्टर में दर्ज छात्रों की संख्या कभी भी जांच में सही नहीं पाई जाती है। अब प्रेरणा एप से इस तरह के फर्जीवाड़े से निजात मिल सकेगा। प्रार्थना के समय बच्चों व शिक्षकों की एक फोटो एप पर अपलोड होगी। एप स्वतः छात्रों की संख्या की गिनती कर लेगा।
दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में छात्रसंख्या का बड़ा खेल होता है। कई बार यह तथ्य सामने आए हैं कि छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए लिए या अधिक से अधिक नामांकन दिखाने के लिए शिक्षक छात्र संख्या में काफी हेरफेर करते हुए गलत आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। माना जाता है कि दर्ज कराए जा रहे छात्र संख्या का महज चालीस प्रतिशत ही उपस्थिति औसतन स्कूलों में देखने को मिलती है।
लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में छात्र संख्या को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ‘प्रेरणा’ एप लांच किया जा रहा है। इस एप से छात्रों की प्रतिदिन की संख्या की सटीक जानकारी विभाग के पास आॅनलाइन होगी। प्रेरणा एप को फिलहाल बनारस समेत पांच जिलों में लागू किये जाने की तैयारी चल रही है। पायलट प्रोजेक्ट की तरह इस योजना को लागू किया जा रहा है।
इस तरह काम करेगा एप

एप से जानकारी भेजना शिक्षकों के लिए बेहद आसान काम है। इसके लिए उनको किसी प्रकार की शीट नहीं भरनी होगी। प्रार्थना के समय बच्चों के साथ शिक्षक एक फोटो लेगा और उस एप पर अपलोड कर देगा। फोटो अपलोड होते ही एप खुद-ब-खुद छात्रों की संख्या आॅनलाइन कर देगा। इस एप की रिपोर्टिंग बीएसए से लगायत शासन तक होगी। कोई भी आॅनलाइन डेटा देख सकता है।
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