वाराणसी. सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 325 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसमें वाराणसी की आठ में से सात विधानसभा सीटों के प्रत्याशी तो घोषित किए गए हैं लेकिन शहर दक्षिणी की सीट छोड़ दी गई है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जाने लगे हैं कि यह सीट कौमी एकता दल के खाते में जा सकती है। माना यह जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो अतहर जमाल लारी उम्मीदवार हो सकते हैं।
सपा की पहली सूची में अशफाक अहमद को बनाया गया था प्रत्याशी
बता दें कि जब सीएम अखिलेश यादव के हाथ में यूपी सपा की कमान थी तब जो पहली सूची जारी हुई थी उसमें वाराणसी शहर दक्षिणी से अशफाक अहमद डबलू को प्रत्याशी घोषित किया गया था। लेकिन आज जारी सूची में वाराणसी की आठ में से सात सीटों पर तो प्रत्याशी की घोषणा कर दी गई लेकिन शहर दक्षिणी की सीट को रिक्त रखा गया है। यहां यह भी बतादें कि अशफाक अहमद डबलू को सीएम अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। पिछले 2012 के चुनाव में डबलू वाराणसी कैंट से उम्मदीवार थे। लेकिन इस दफा उन्हें दक्षिणी का टिकट दिया गया था।
अतहर जमाल लारी पिछले चुनाव में सपा से ऊपर थे
बतादें कि 2012 के विधानसभा चुनाव में अतहर जमाल लारी कौमी एकता दल के टिकट पर शहर दक्षिणी के उम्मीदवार थे। उस वक्त लारी 22 हजार मत पा कर तीसरे स्थान पर थे जबकि सपा उम्मीदवार चौथे नंबर पर थे। इस लिहाज से लारी की उम्मीदवारी ज्यादा दमदार दिख रही है। वैसे भी लारी साफ सुथरी छवि के नेता हैं। वाराणसी में उनकी अच्छी साख है। मुस्लिम वर्ग ही नहीं हिंदू वर्ग में भी उनकी अच्छी खासी घुसपैठ है। अगर उन्हें सपा से कौमी एकता दल कोटे से टिकट मिलता है तो वह अच्छी लड़ाई लड़ने में सक्षम होंगे ऐसा राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है।
क्या कहते हैं अतहर जमाल लारी
शहर दक्षिणी से उम्मीदवारी के बाबत अतहर जमाल लारी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि अंसारी बंधु पहले ही उन्हें शहर दक्षिणी से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं। लेकिन मैनें उनसे साफ कर दिया है कि कारोबार में मंदी के चलते आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वह चुनाव लड़ पाएं। लेकिन अगर दबाव बनता है तो देखा जाएगा।