वाराणसी. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम पीएम नरेन्द्र मोदी को झटका दे सकती है। इसके चलते बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ेगा। यूपी में वर्ष 2017 में होने वाले चुनाव में नये समीकरण का जन्म हो सकता है।
एआईएमआईएम ने यूपी चुनाव लडऩे का शंखनाद कर दिया है। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली माहुली ने 11 सीटों पर प्रत्याशी तक उतार दिये है जबकि अन्य सीटों पर प्रत्याशियों की सूची बाद में जारी की जायेगी। ऐसे में सबकी नजर एआईएमआईएम पर टिकी हुई है। बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्र बनी पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा पर सबकी निगाहे लगी हुई है। यहां पर सपा, कांग्रेस, बसपा व अन्य दल गठबंधन करके या फिर अकेले ही चुनाव लडऩे को तैयारी है। विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच एआईएमआईएम ने पीएम नरेन्द्र मोदी का तगड़ा झटका दे दिया है।
जानिए कैसे दिया पीएम मोदी को झटका
एआईएमआईएम ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटो पर प्रत्याशी नहीं उतारे की तैयारी की है। इससे बीजेपी को झटका लग सकता है। बीजेपी को चुनाव लडऩे के लिए मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का इंतजार होता है जहां पर भी ओवैसी की पार्टी लड़ेगी। वहां पर मुस्लिम मतों का बिखराव होना तय है जिसका सीधा लाभ बीजेपी को होगा। एआईएमआईएम ने वाराणसी संसदीय क्षेत्र के पांच विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारने की तैयारी की है, जिससे बीजेपी बैकफुट पर आ जायेगी। इन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या कम नहीं है। यदि ओवैस की पार्टी चुनाव नहीं लड़ती है तो मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण नहीं हो पायेगा और बीजेपी का प्रतिष्ठा की पांच सीटों पर चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
जानिए क्या कहा एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ने
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली माहुली ने पत्रिका से खास बातचीत में कहा कि हम पहली बार यूपी में चुनाव लडऩे जा रहे हैं। दलित व मुस्लिम समीकरणों को लेकर एआईएमआईएम चुनाव लड़ रही है। यूपी की जनता से हमे बहुत प्यार व सहयोग भी मिल रहा है। हम उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जहां पर हमारा संगठन मजबूत होगा। रही बात पीएम मोदी की संसदीय सीट की तो यहां पर हमारा संगठन कमजोर है इसलिए एआईएमआईएम का वाराणसी संसदीय क्षेत्र के विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतराने की संभावना बहुत कम हैं। जल्द ही हम लोग प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी करने वाले हैं।