बता दें कि नाबालिग से बलात्कार के मामले में बुधवार को जोधपुर की अदालत में आसाराम बापू पर फैसला आना था। देश भर की निगाहें जोधपुर कोर्ट पर लगी थी। प्रायः हर कोई यह जानने को उत्सुक रहा कि कोर्ट क्या फैसला सुनाता है। वहीं बनारस के हरहुआ स्थित आश्रम में मंगलवार को ही उनके अनुयायी जमा हो गए। शुरू हो गया भजन-कीर्तन। अनुयायियों का कहना था कि यह भजन कीर्तन कोर्ट का फैसला आने तक जारी रहेगा। उन्हें पूरी उम्मदी थी कि भजन कीर्तन से बापू आरोप मुक्त हो कर बाइज्जत बरी हो जाएंगे। लेकिन उन्हें बुधवार को काफी निराशा हुई। आश्रम में बापू के अनुयायियों ने आसाराम की बड़ी सी तस्वीर लगा रखी थी और उसके सामने भजन कीर्तन कर रहे थे। साथ ही उनके पक्ष में फैसला आने की कामना भी करते रहे। अनुयायियों का कहना था कि आसाराम निर्दोष है और उनको फसाया गया है।
बता दें कि 2013 में शाहजहांपुर की 16 साल की एक लड़की ने आसाराम पर जोधपुर आश्रम में बलात्कार का आरोप लगाया था, तभी से वह जेल में बंद हैं। बुधवार को 56 महीने बाद आए फैसले में आशाराम को दोषी ठहरा दिया गया हैं। कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है उन्हें। अब तक कुल 12 बार आसाराम की जमानत अर्जी ट्रायल कोर्ट, राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है। आसाराम को जोधपुर मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके दो महीने बाद ही गुजरात के सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे पर बलात्कार का आरोप लगाया था। बड़ी बहन की शिकायत के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच कई बार उनका यौन शोषण किया था। छोटी बहन ने नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। इसके बाद दिसंबर 2013 में नारायण साईं को भी गिरफ्तार किया गया था। वह सूरत जेल में बंद हैं।