scriptकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पूर्व निकलेगी आकर्षक शिव बारात, मनेगा जश्न | Attractive Shiva procession will come out before inauguration of Kashi Vishwanath Dham | Patrika News

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पूर्व निकलेगी आकर्षक शिव बारात, मनेगा जश्न

locationवाराणसीPublished: Dec 04, 2021 10:07:50 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-ये शिवरात्रि नहीं पर शिवधाम की भव्यता की खुशी में निकलेगी बारात- विश्वनाथ मंदिर से चोरी गए सोने के मिलने के बाद 80 के दशक में हुई थी बारात निकालने की शुरूआत

काशी विश्वनाथ धाम

काशी विश्वनाथ धाम

वाराणसी. वो यादगार दिन आने वाला है, वो इतिहास फिर से दोहराया जाना है। ऐसे में जश्न तो बनता ही है। आखिर काशी नगरी के संचालक, नहीं, सृष्टि के संचालक आदि देव भगवान विश्वनाथ के दरबार को भव्यता जो प्रदान हो चुकी है। काशी विश्वनाथ धाम तैयार हो चुका है। अब 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करने वाले हैं। ऐसे में शिव बारात समिति ने लोकार्पण से पूर्व शिव बारात निकालने का निर्णय किया है।
काशी विश्वनाथ धाम
बता दें कि काशी में शिव बारात महा शिवरात्रि यानी भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के मौके पर निकाली जाती है। इसका भी रोचक प्रसंग है। दरअसल 1983 में शिवरात्रि से पूर्व जब विश्वनाथ मंदिर से सोना चोरी हुआ, तब शिव की नगरी के वासी ही नहीं बल्कि देश भर के शिवभक्त दुःखी हो गए। चारों ओर निराशा का घटाटोप छा गया। पुलिस चोरी गए सोने की तलाश में जुटी रही। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। ऐसे में शिव भक्तों ने चोरी के विरोध में जुलूस निकालने का फैसला किया। काशी के प्रबुद्धजनों जिनमे स्व के के आनंद एडवोकेट, स्व पंडित धर्मशील चतुर्वेदी साहित्यकार, स्व कैलाश केशरी, स्व मोहम्मद इकराम खां माई डियर, स्व के एल के चंदानी एडवोकेट, स्व सुशील त्रिपाठी पत्रकार और समाजसेवी दिलीप सिंह ने इसकी पहल की। तय हुआ था कि अबकी शिवरात्रि से पूर्व जुलूस निकाला जाएगा। इसकी पूरी तैयारी हो गई थी. इसी बीच चोरी हुआ सोना मिल गया। ऐसे में शिवभक्तों को लगा कि सारी तैयारी धरी रह जाएगी। सारा खर्च फिजूल हो जाएगा। ऐसे में विचार आया कि अब विरोध प्रदर्शन नहीं बल्कि जश्न मनाया जाएगा और महा शिवरात्रि को शिव बारात निकाली जाएगी। वो भी काशी की गंगा-जमुनी तहजीब के तहत। बारात में शिव विवाह की परंपरा को जीवंत किया जाएगा। यही फाइनल हुआ और महा शिवरात्रि को शिव बारात निकाली गई। काशीवासियों ने जमकर जश्न मनाया।
काशी विश्वनाथ धाम
अब एक बार फिर से उसी तरह का माहौल बना है। प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। विश्वनाथ मंदिर परिसर को भव्यता मिली है। विकास हुआ है। ऐसे में शिव बारात समिति ने निर्णय लिया है कि विश्वनाथ धाम के लोकार्पण (13 दिसंबर) से दो दिन पहले 11 दिसंबर को भब्य शिव बारात निकाली जाएगी। शिव बारात समिति के सर्वेसर्वा दिलीप सिसोदिया ने बताया कि इस बारात की तैयारी अंतिम दौर में है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री व शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी के आग्रह पर 11 दिसंबर को बारात निकालने का निर्णय किया गया है। बारात दोपहर 12 बजे दारानगर स्थित महा मृत्युंजय मंदिर से निकलेगी जो डेढसी पुल तक जाकर विराम लेगी। बारात में शामिल शिव बाराती हर-हर महादेव का उद्घोष कर समूची काशी को शिवमय कर देंगे।
सिसोदिया ने बताया कि भगवान शंकर का विवाह त्रियुगी नारायण (उत्तराखंड) में हुआ था। विवाह में नर-नारी, नारद, किन्नर, देवतागण, भूत-पिशाच सर्प आदि बाराती बने थे। लिहाजा 11 दिसंबर को निकलने वाली शिव बारात में भी इन सभी का समावेश होगा। यह बारात उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग से निकाली जा रही है।
शिव बारात समिति के संयोजक दिलीप सिंह सिसोदिया
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