राजनीति का पूरा अनुभव न होते हुए भी लोगों को दिला रहे भरोसा
अतीक अहमद की गैर मौजूदगी में उनके बड़े बेटे उमर अहमद ने पूरे चुनाव की कमान अपने कंधों पर उठाकर फूलपुर की सड़क पर निकल पड़े हैं। उमर को बहुत अनुभव न होते हुए भी वो पूरे दिन और आधी रात तक इलाके में लोगों से मिलते हैं और उन्हें भरोसा देते है कि अब्बा ने हमेशा गरीबों के लिए काम किया और साजिश के तहत उनको जेल में डाला गया। अतीक अहमद फूलपुर लोक सभा से एक बार सांसद रह चुके है। इलाके में उनकी अच्छी पकड़ है और लोग उनको मानते भी है उमर का प्रचार बहुत नेताओं वाला नहीं रहता और वो सरल भावना से लोगों से मिलते है जिससे लोग उमर को काफी पसंद करते है और उनकी बातों को गम्भीरता से सुनते है।
अतीक अहमद की गैर मौजूदगी में उनके बड़े बेटे उमर अहमद ने पूरे चुनाव की कमान अपने कंधों पर उठाकर फूलपुर की सड़क पर निकल पड़े हैं। उमर को बहुत अनुभव न होते हुए भी वो पूरे दिन और आधी रात तक इलाके में लोगों से मिलते हैं और उन्हें भरोसा देते है कि अब्बा ने हमेशा गरीबों के लिए काम किया और साजिश के तहत उनको जेल में डाला गया। अतीक अहमद फूलपुर लोक सभा से एक बार सांसद रह चुके है। इलाके में उनकी अच्छी पकड़ है और लोग उनको मानते भी है उमर का प्रचार बहुत नेताओं वाला नहीं रहता और वो सरल भावना से लोगों से मिलते है जिससे लोग उमर को काफी पसंद करते है और उनकी बातों को गम्भीरता से सुनते है।
शांत स्वभाव से जीत रहे सबका दिल
उमर ने कम उम्र में ही अपने अब्बा की परेशानियों को देखा घर में भले ही पैसों या अन्य चीजों की कमी नहीं है। लेकिन अतीक अहमद पर कई मामले दर्ज हैं जिसकी वजह से अतीक अहमद को कई बार जेल जाना पड़ा। वर्तमान में वह देवरिया की जेल में बंद हैं कुछ दिनों पहले उनपर आरोप लगते रहे चाहे हत्या हो या हत्या का प्रयास या फिर ज़मीन कब्ज़े का लेकिन उमर इन छवि से बहुत अलग है शांत स्वभाव, सबसे मिलना खैरियत पूछना अगर आदमी अनजान भी है तो भी उमर उससे इस तरह बात करते हैं जैसे वो पहले भी उससे मिल चुके है इसी स्वभाव से ही उमर की फ्रेंड लिस्ट में दोस्तों और साथियों की संख्या काफी ज़्यादा है उनके दोस्त और साथी भी इस उप चुनाव में ज़ोर शोर से प्रचार में लगे उमर का रोज पूरे जोश के साथ चुनाव प्रचार का तरीका देख कर बाकी पार्टियों की परेशानी बढ़ गयी है। सपा के उम्मीदवार को कोई पहचानता नहीं कांग्रेस के उम्मीदवार का भले ही इलाहबाद से नाता रहा हो लेकिन शहर से जुड़ाव नहीं है भाजपा के उम्मीदवार वाराणसी के है.लिहाज़ा ऐसे में अतीक अहमद का चुनाव में उतरना और उमर प्रचार अंदाज़ अतीक अहमद की कुछ राह तो आसान करता ही है। बाहुबली अतीक अहमद के उप चुनाव में उतारने सियासी पारा हुआ गर्म, बड़े बेटे उमर के प्रचार से सभी पार्टियों का समीकरण गड़बड़ाया।
उमर ने कम उम्र में ही अपने अब्बा की परेशानियों को देखा घर में भले ही पैसों या अन्य चीजों की कमी नहीं है। लेकिन अतीक अहमद पर कई मामले दर्ज हैं जिसकी वजह से अतीक अहमद को कई बार जेल जाना पड़ा। वर्तमान में वह देवरिया की जेल में बंद हैं कुछ दिनों पहले उनपर आरोप लगते रहे चाहे हत्या हो या हत्या का प्रयास या फिर ज़मीन कब्ज़े का लेकिन उमर इन छवि से बहुत अलग है शांत स्वभाव, सबसे मिलना खैरियत पूछना अगर आदमी अनजान भी है तो भी उमर उससे इस तरह बात करते हैं जैसे वो पहले भी उससे मिल चुके है इसी स्वभाव से ही उमर की फ्रेंड लिस्ट में दोस्तों और साथियों की संख्या काफी ज़्यादा है उनके दोस्त और साथी भी इस उप चुनाव में ज़ोर शोर से प्रचार में लगे उमर का रोज पूरे जोश के साथ चुनाव प्रचार का तरीका देख कर बाकी पार्टियों की परेशानी बढ़ गयी है। सपा के उम्मीदवार को कोई पहचानता नहीं कांग्रेस के उम्मीदवार का भले ही इलाहबाद से नाता रहा हो लेकिन शहर से जुड़ाव नहीं है भाजपा के उम्मीदवार वाराणसी के है.लिहाज़ा ऐसे में अतीक अहमद का चुनाव में उतरना और उमर प्रचार अंदाज़ अतीक अहमद की कुछ राह तो आसान करता ही है। बाहुबली अतीक अहमद के उप चुनाव में उतारने सियासी पारा हुआ गर्म, बड़े बेटे उमर के प्रचार से सभी पार्टियों का समीकरण गड़बड़ाया।
उमर ने घर में ही सीखा राजनीति का ककहरा
उमर अहमद अतीक अहमद के बड़े बेटे उमर अहमद संत जोज़फ़ कॉलेज में पढ़े हैं और इस वक्त कानून की पढ़ाई कर रहे है घर में पिता अतीक अहमद 5 बार विधायक और एक बार सांसद रहे उनके चाचा खालिद अज़ीम अशरफ एक बार विधायक रहे इसलिए राजनीति का ककहरा उन्होंने अपने घर के बड़ों से सीखा उमर शुरू से ही शांत स्वभाव के है और मिलनसार व्यक्तित्व होने से लोग उनसे काफी प्रभावित होते हैं। उमर की यही पहचान इस उप चुनाव में उनको काफी फायदा दे रही है राजनितिक सूझ-बुझ भले ही उनके पिता के बराबर उनके अंदर न हो हो लेकिन कब कहा किस्से किस तरह बात करनी है लोगों की परेशानी किस तरह दूर हो सकती इस पर वो तुरंत फैसला लेने से पहले वो मंथन के बाद निर्णय लेते है यही कारण है की फूल पुर में जब वो गांव में जाते है तो सरतला से सबसे बात करते है और उनके बीच बैठते है।
उमर अहमद अतीक अहमद के बड़े बेटे उमर अहमद संत जोज़फ़ कॉलेज में पढ़े हैं और इस वक्त कानून की पढ़ाई कर रहे है घर में पिता अतीक अहमद 5 बार विधायक और एक बार सांसद रहे उनके चाचा खालिद अज़ीम अशरफ एक बार विधायक रहे इसलिए राजनीति का ककहरा उन्होंने अपने घर के बड़ों से सीखा उमर शुरू से ही शांत स्वभाव के है और मिलनसार व्यक्तित्व होने से लोग उनसे काफी प्रभावित होते हैं। उमर की यही पहचान इस उप चुनाव में उनको काफी फायदा दे रही है राजनितिक सूझ-बुझ भले ही उनके पिता के बराबर उनके अंदर न हो हो लेकिन कब कहा किस्से किस तरह बात करनी है लोगों की परेशानी किस तरह दूर हो सकती इस पर वो तुरंत फैसला लेने से पहले वो मंथन के बाद निर्णय लेते है यही कारण है की फूल पुर में जब वो गांव में जाते है तो सरतला से सबसे बात करते है और उनके बीच बैठते है।