चंदौली के बलुआ थाना क्षेत्र के सिकरौरा में लगभग 35 साल पहले हुए नरसंहार मामले में माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह भी आरोपी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय अदालत ने मामले की सुनवाई तेज कर दी है। इसी क्रम में मंगलवार को अपर सत्र न्यायधीश (तृतीय) की राजीव कमल पांडेय की अदालत में सिकरौरा नरसंहार प्रकरण पर सुनवाई होनी थी। सेंट्रल जेल से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच माफिया से माननीन बने एमएलसी बृजेश सिंह पहुंच गये थे लेकिन मुकदमे की वादिनी हीरावती देवी नहीं पहुंची थी। इस पर कोर्ट ने कारण पूछा तो चंदौली के एसपी ने कोर्ट को बताया कि गवाह हीरावती देवी अपने घर पर नहीं है। संभावना है कि वह दवा लेने लखनऊ के एसजीपीजीआई अपने पुत्र दिनेश यादव व गनर तीर्थराज यादव के साथ गयी थी तभी से वह वापस नहीं लौटी है। मोबाइल से सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सम्पर्क नहीं हो पाया है। एसपी चंदौली ने बताया कि सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने पर गनर को निलंबित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त एक उपनिरीक्षक को लखनऊ भेज कर हीरावती देवी का पता कराया जा रहा है। सारी सुनवाई के बाद कोर्ट ने हीरावती देवी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए एसपी चंदौली को अगली सुनवाई पर हीरावती देवी को ढूंढ कर लाने को कहा है। इसके अतिरिक्त मुख्य गवाह के विधिक पैरोकार राकेश न्यायिक को भी व्यक्तिगत रुप से निर्धारित तिथि पर कोर्ट में उपस्थित होने को आदेश दिया है।
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