वाराणसी. उत्तर प्रदेश में सपा के भीतर मचे सियासी तुफान के बीच एक बाहुबली मोख्तार ने राजनीति की ऐसी खिचड़ी पकाई है जिससे पूर्वांचल की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। बिहार के कुख्यात व लालू प्रसाद यादव के चहेते शहाबुद्दीन की रिहाई होते ही पूर्वांचल के बाहुबली मोख्तार ने अपने समर्थकों के जरिए बधाई संदेश भेजा। मौका भी था बकरीद का। मोख्तार के इस कदम की जैसे ही जानकारी पूर्वांचल के बाहुबलियों को मिली तो किसी कि माथे पर शिकन आई तो किसी ने कमर कसनी शुरू कर दी है।
पूर्वांचल के कुख्यात बाहुबलियों में शुमार दबंग विधायक मोख्तार अंसारी और बिहार के माफिया डॉन शहाबुद्दीन से किसी की यारी छिपी नहीं है। मोख्तार के गुर्गे आपराधिक वारदात के बाद बिहार में शहाबुद्दीन के गढ़ सिवान में बेखौफ घूमते हैं क्योंकि उन्हें भी पता है कि शहाबुद्दीन भले ही जेल में हो या बाहर लेकिन सिवान में सिक्का उसी का चलता है। पत्रकार रंजन देव की हत्या का आरोपी मो. कैफ शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद मीडिया के कैमरे में नजर आया लेकिन बिहार पुलिस की हिम्मत नहीं हुई कि उसके गिरेबां तक पहुंच सके।
मुन्ना बजरंगी समेत बाहुबली मोख्तार अंसारी के कई खास इस समय जेल की सलाखों के पीछे ही हैं। मोख्तार के अंदर होने से विरोधी गुट लगातार हावी होते जा रहे हैं फिर बात चाहे आर्थिक साम्राज्य की हो या राजनीतिक, दोनों ही मामलों में मोख्तार अंसारी अपने विरोधियों से पीछे छूटते जा रहे है। ऐसे में शहाबुद्दीन की रिहाई मोख्तार अंसारी के लिए राहत की खबर है क्योंकि शहाबुद्दीन के जरिए मोख्तार एक बार फिर विरोधियों पर हावी होने की कोशिश करेगा। यहीं वजह है कि पूर्वांचल के तमाम माफिया गिरोह शहाबुद्दीन और मोख्तार अंसारी की इस जुगलबंदी पर नजर रखे हैं।
लाख कोशिशों के बाद भी दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोपी मोख्तार जेल से बाहर नहीं आ सका है लेकिन मोख्तार से भी कहीं अधिक निर्मम हत्याओं के आरोपी शहाबुद्दीन को बिहार सरकार की कमजोरी के चलते जैसे ही जेल से आजादी मिली, मोख्तार को भी आस जगी कि शायद पुरानी मित्रता काम आए और शहाबुद्दीन अपने मित्र को भी जेल की चहारदीवारी से बाहर लाने में मदद करें।
बाहुबली विधायक ने इसी आस में बकरीद के दिन अपने वारिस यानि भतीजे मुन्नू अंसारी के जरिए शहाबुद्दीन को बकरीद की बधाई भिजवाई। शोएब उर्फ मुन्नू अंसारी के नेतृत्व में कौमी एकता दल का एक प्रतिनिधिमंडल शहाबुद्दीन की रिहाई के दिन ही सिवान पहुंच गया था। इस दौरान शहाबुद्दीन को मोख्तार अंसारी व कौमी एकता दल के विलय और रद होने की पूरी पटकथा सुनाई। सूत्रों की माने तो शहाबुद्दीन ने मोख्तार अंसारी की पार्टी कौएद को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
फिलहाल करीब एक दशक से शहाबुद्दीन और मोख्तार अंसारी देश की अलग-अलग जेलों से बाहरी दुनिया पर अपना राज चला रहे। शहाबुद्दीन को तो रिहाई मिल गई लेकिन मोख्तार अब भी जेल में है। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार पर टिप्पणी के बाद शहाबुद्दीन की रिहाई पर संकट के बादल छा गए हैं क्योंकि बिहार सरकार रिहाई के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। अब देखना दिलचस्प होगा कि शहाबुद्दीन क्या यूपी चुनाव तक खुली हवा में सांस ले पाते हैं या फिर चुनाव से पहले ही जेल की चहारदीवारी के पीछे जाते हैं।