बतादें कि अतुल राय को हिरासत में लेने की वाराणसी पुलिस की कार्रवाई पर हैरानी तथा गुस्सा जताते हुए बसपा के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि इस कार्रवाई से साफ है कि भाजपा सरकार राजनीतिक रंजिश के तहत विरोधी दलों के लोगों को नाहक प्रताड़़ित करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि वाराणसी पुलिस का डाफी टोल प्लाजा पर फायरिंग की घटना का हवाला देना सरासर बेमानी है। सच्चाई यह है कि उस मामले में हाईकोर्ट ने चार्जशीट दाखिल होने तक अतुल राय की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। वाराणसी पुलिस उस मामले में निचली कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है। उन्होंने कहा कि साफ है कि भाजपा सरकार को कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं है। उसका एक ही मकसद है। विरोधियों को चाहे जैसे हो कुचला जाए। उन्होंने अपनी बात को और पोख्ता बनाने के लिए बीते 29 नवंबर को मुहम्मदाबाद के शहीद पार्क में भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पुण्य तिथि के कार्यक्रम में आए बाहुबली विधायक सुशील सिंह के भाषण का हवाला दिया। कहे कि सुशील सिंह ने कहा था कि भाजपा विरोधियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है। यह वही सुशील सिंह हैं जिनके खिलाफ अतुल राय दिल्ली तथा वाराणसी में आपराधिक मुकदमा दर्ज करा चुके हैं। श्री अंसारी ने कहा कि भाजपा यह मत समझे कि अतुल राय जैसा युवा नेता अनाथ है। वह पार्टी के कट्टर, जुझारू और समर्पित सिपाही हैं। उनके साथ बसपा पूरी ईमानदारी से खड़ी रहेगी। उनके इंसाफ के लिए अदालत, सड़क से लगायत सदन तक में लड़ाई लड़ेगी।
मामूली बात को लेकर बढ़ा था विवाद
6 जुलाई 2017 की रात डाफी टोल प्लाजा पर अंधाधुंध फायरिंग किए जाऩे का मामला सामने आया था। अतुल राय बसपा के झंडे लगे तीन लक्जरी वाहनों के काफिले से रामनगर की तरफ से लौट रहे थे। डाफी टोल प्लाजा के काफी पहले आगे जा रही सफारी जिसमें सर्वेश सवार थे को हार्न बजा कर किनारे करने को कहा। आगे ट्रक थी जिससे पास नहीं दिया जा सका। इस पर खिड़कियों से असलहों की नाल निकाल कर धमकी शुरू हुई। ओवरटेक करने के बाद तीनों वाहनों से एक दर्जन से अधिक लोग उतरे और रोहनिया के बेटावर निवासी ईंट भट्ठा संचालक सर्वेश तिवारी संग ड्राइवर को पीटना शुरू कर दिया। जब इस मामले पर लोगों ने विरोध जताया तब अंधाधुंध हवाई फायरिंग कर दिया। अतुल राय और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास, बलवा सहित अन्य आरोपों में लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
6 जुलाई 2017 की रात डाफी टोल प्लाजा पर अंधाधुंध फायरिंग किए जाऩे का मामला सामने आया था। अतुल राय बसपा के झंडे लगे तीन लक्जरी वाहनों के काफिले से रामनगर की तरफ से लौट रहे थे। डाफी टोल प्लाजा के काफी पहले आगे जा रही सफारी जिसमें सर्वेश सवार थे को हार्न बजा कर किनारे करने को कहा। आगे ट्रक थी जिससे पास नहीं दिया जा सका। इस पर खिड़कियों से असलहों की नाल निकाल कर धमकी शुरू हुई। ओवरटेक करने के बाद तीनों वाहनों से एक दर्जन से अधिक लोग उतरे और रोहनिया के बेटावर निवासी ईंट भट्ठा संचालक सर्वेश तिवारी संग ड्राइवर को पीटना शुरू कर दिया। जब इस मामले पर लोगों ने विरोध जताया तब अंधाधुंध हवाई फायरिंग कर दिया। अतुल राय और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास, बलवा सहित अन्य आरोपों में लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
संगीन आरोप में घिरे और विधानसभा के प्रत्याशी हैं अतुल राय
संगीन मामलों के आरोपित अतुल राय का नाम कुछ साल पहले उस समय चर्चा में आया था जब गोदरेज कंपनी के इंजीनियर को डीरेका से अगवा कर लिया गया था। सनसनीखेज वारदात के पीछे रंगदारी की मांग बतायी गयी थी। इसके अलावा भी अतुल के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने जमानियां (गाजीपुर) के अतुल को प्रत्याशी घोषित किया था। अतुल ने भले जीत हासिल नहीं की लेकिन सपा के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। मशक्कत के बाद भाजपा ने यहां से जीत हासिल की थी।
संगीन मामलों के आरोपित अतुल राय का नाम कुछ साल पहले उस समय चर्चा में आया था जब गोदरेज कंपनी के इंजीनियर को डीरेका से अगवा कर लिया गया था। सनसनीखेज वारदात के पीछे रंगदारी की मांग बतायी गयी थी। इसके अलावा भी अतुल के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने जमानियां (गाजीपुर) के अतुल को प्रत्याशी घोषित किया था। अतुल ने भले जीत हासिल नहीं की लेकिन सपा के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। मशक्कत के बाद भाजपा ने यहां से जीत हासिल की थी।