रेलवे वाराणसी के कैंट स्टेशन पर तस्वीरों के जरिये यात्रियों को बनारस से रूबरू करा रहा है। यहां के प्लेटफॉर्म नंबर एक की दीवारों बनारस का चुनिंदा इतिहास तस्वीरों के रूप में उकेरा गया है। अब इसे अंतिम रूप दे दिया गया है तो इसेक दो फायदे हैं। लोगों को बनारस में क्या है इससे परिचित कराने के साथ ही प्लेटफॉर्म की खूबसूरती में भी इसने चार चांद लगा दिया है।
फिलहाल यहां की दिवारों पर आठ तस्वीरें उकेरी गयी हैं, जिनमें बनारस का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने वाले मशहूर कलाकारों को शमिल कराया गया है। इसमें एक तरफ कथक नृत्य के मास्टर बिरजू महाराज हैं तो दूसरी ओर ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा देवी हैं। गोस्वामी तुलसी दास भी हैं। अपनी शहनाई से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर देने वाले भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां हैं तो वहीं भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय और पूर्व पंधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री जी हैं।
लोगों को यहां के आध्यात्म से रूबरू कराने के लिये काशी विश्वनाथ मंदिर है तोदुर्गा मंदिर भी है। गंगा के घाट हैं तो घाट के किनारे के मंदिर भी हैं। गंगा आरती भी है और भगवान बुद्ध की तस्वीरें भी यहां के आध्यात्म के बारे में बहुत कुछ कहती हैं।
आपको बता दें कि इसी तरह बनारस में जगह-जगह इतिहास से रूबरू कराने के लिये शहर में भी दीवारों पर कहीं पेंटिंग तो कहीं बाकायदा कारीगरी से दीवारों पर इतिहास बताने वाले चित्र और प्रसंग उकेरे गए हैं। क्विंस कॉलेज के बाहर की दीवारें और नटी इमली स्थित भरत मिलाप स्थल पर इसके बड़े ही आसानी से दर्शन हो जाएंगे।