शंकरतालाब के रहने वाले मो. अजरुद्दीन बनारसी साड़ी बनाने का काम करते रहे है। मो. अजरुद्दीन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीने पर ‘कमल का फूल’ लगाने का चलन देखा गया था। खुद पीएम नरेंद्र मोदी अपनी जैकेट पर पार्टी का सिंबल लगाकर प्रचार करते थे। ऐसे में उन्होने मोदी के गृह नगर गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का सिंबल बनाने का आर्डर मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
अजहरुद्दीन बताते हैं कि एक कमल का फूल बनाने में दो घंटे का समय लगता है और इसमें बनारस की कारीगरी खास रूप में नजर आती है। यह ‘कमल’ सालों साल तक एक जैसा ही रहेगा। एक फूल बनाने की कीमत लगभग 150 से 200 रुपये के बीच आती है। ‘कमल’ बनाने वाले एक अन्य बुनकर आरिफ जमाल का कहना है कि 22 अक्टूबर को पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आये थे तब ये ‘कमल का फूल’ पीएम को देना चाहते थे। पर मौका नहीं मिला। इसका उन्हें मलाल है। लेकिन अब गुजरात चुनाव में बीजेपी की जीत पर पीएम को बड़ा सा ‘कमल’ गिफ्ट देने की तैयारी चल रही है।
दरअसल मुस्लिम मंच के सदस्य पूर्णेन्दू उपाध्याय ने ‘कमल’ बनाने का ऑर्डर दिया है। उनका कहना है कि, गुजरात चुनाव के पहले चरण के लिए 5000 ‘कमल’ का ऑर्डर दिया था। वह भेजा जा चुका है। दूसरे चरण के लिए 2000 ‘कमल’ का ऑर्डर है। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य साफ है की बनारस के बुनकरों को काम मिले और ये कारीगरी आम जनमानस तक पहुंच सके। हम 2019 के चुनाव से पहले भी एक बहुत बड़ा आर्डर वाराणसी के बुनकरों को देंगे।