वाराणसी

गुजरात विधानसभा चुनाव में खिल रहा बनारस के इस मुस्लिम बुनकर का रेशमी कमल

पहले चरण के मतदान से पहले भेजा जा चुका है 5000 रेशमी कमल।

वाराणसीDec 10, 2017 / 05:17 pm

Ajay Chaturvedi

बनारसी बुनकर मो अजहरुद्दीन

वाराणसी. गुजरात विधानसभा चुनाव पर देश और दुनिया की निगाह टिकी है। हर किसी को इंतजार है 18 दिसंबर का। लोगों में कौतूहल बन गया है गुजरात विधानसभा चुनाव। क्या इस चुनाव में कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हीं के गढ़ में मात दे पाएगी। लेकिन इन सब से अलग पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र का यह बुनकर भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिह्न कमल का फूल तैयार करने में जुटा है। रेशमी तागों से सुनहरा कमल बनाने वाला यह बुनकर दरअसल बनारसी साड़ी का कारीगर है। लेकिन इन दिनों उस पर अलग ही धुन सवार है। वह पहले चरण को नौ दिसंबर को हुए मतदान से पहले पांच हजार रेशमी कमल बना कर गुजरात भेज चुका है। अब दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को होने वाले मतदान से पहले उसे और 2000 कमल के फूल वाला भाजपा का चुनाव चिह्न बना कर गुजरात भेजना है।
शंकरतालाब के रहने वाले मो. अजरुद्दीन बनारसी साड़ी बनाने का काम करते रहे है। मो. अजरुद्दीन का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीने पर ‘कमल का फूल’ लगाने का चलन देखा गया था। खुद पीएम नरेंद्र मोदी अपनी जैकेट पर पार्टी का सिंबल लगाकर प्रचार करते थे। ऐसे में उन्होने मोदी के गृह नगर गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का सिंबल बनाने का आर्डर मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
अजहरुद्दीन बताते हैं कि एक कमल का फूल बनाने में दो घंटे का समय लगता है और इसमें बनारस की कारीगरी खास रूप में नजर आती है। यह ‘कमल’ सालों साल तक एक जैसा ही रहेगा। एक फूल बनाने की कीमत लगभग 150 से 200 रुपये के बीच आती है। ‘कमल’ बनाने वाले एक अन्य बुनकर आरिफ जमाल का कहना है कि 22 अक्टूबर को पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आये थे तब ये ‘कमल का फूल’ पीएम को देना चाहते थे। पर मौका नहीं मिला। इसका उन्हें मलाल है। लेकिन अब गुजरात चुनाव में बीजेपी की जीत पर पीएम को बड़ा सा ‘कमल’ गिफ्ट देने की तैयारी चल रही है।
दरअसल मुस्लिम मंच के सदस्य पूर्णेन्दू उपाध्याय ने ‘कमल’ बनाने का ऑर्डर दिया है। उनका कहना है कि, गुजरात चुनाव के पहले चरण के लिए 5000 ‘कमल’ का ऑर्डर दिया था। वह भेजा जा चुका है। दूसरे चरण के लिए 2000 ‘कमल’ का ऑर्डर है। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य साफ है की बनारस के बुनकरों को काम मिले और ये कारीगरी आम जनमानस तक पहुंच सके। हम 2019 के चुनाव से पहले भी एक बहुत बड़ा आर्डर वाराणसी के बुनकरों को देंगे।

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