जुलूस निकालने पर प्रतिबंध
बारावफात पर शहर में लाखों लोगों की भीड़ सड़क पर निकलती है। उस दिन कई किलोमीटर लम्बे ‘जुलूस ए मुहम्मदी’ के नाम से कई जुलूस निकाले जाते हैं जो शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरते हैं। यह जुलूस शहर के सबसे बड़े जुलूसों में शामिल है। पर प्रशासन की गाइड लाइन के मुताबिक इस बार कोरोना संक्रमण के चलते जुलूस निकालने पर प्रतिबंध रहेगा। मर्कजी यौमुन्नबी कमेटी जैसे आयोजकों ने पहले ही अपने जुलूस कैंसिल कर दिये हैं। हालांकि प्रशासन ने कहा है कि जो अंजुमनें 30 अक्टूबर को जुलूस नहीं निकाल पाएंगी वो कहीं और पंडाल लगाकर अपना कार्यक्रम करना चाहें तो इसकी इजाजत ले सकते हैं। इसके लिये उन्हें अपने थाने पर आवेदन देना होगा। इजाजत सबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा दी जाएगी। अंजुमनों को मुहल्लों में कार्यक्रम करने के लिये अलग से अनुमति जारी की जाएगी।
200 लोगों की मिलेगी इजाजत
बारावफात पर जुलूस भले ही नहीं निकलेंगे लेकिन जलसों और नात की महफिलों को अनुमति होगी। पर इसमें 200 लोगों को जुटने की ही इजाजत होगी। इस तरह के आयोजनों के लिये अधिकतम 200 लोगों की अनुमति होगी। ये आयोजन या तो किसी बंद जगह पर कियेे जाएंगे या फिर टेंट लगाकर। पहले जो कार्यक्रम खुले में होते थे उसके लिये भी टेंट लगाना अनिवार्य किया गया है। सबकी सहमति से टेंट का साइज भी तय किया गया है। मजिस्ट्रेट द्वारा तीन चांदनी का टेंट लगाने की परमिशन दी जाएगी। आयोजकों को आवेदन करते समय टेंट की संख्या बतानी होगी।
इसके लिये किसी परमिशन की जरूरत नहीं
बारावफात पर मस्जिदों में दुआख्वानी और नातख्वानी जैसे आयोजनों और सजावट को प्रतिबंधों से दूर रखा गया है। इसके लिये किसी तरह की इजाजत की जरूरत नहीं होगी। हालांकि किसी भी दशा में 200 लोगों से अधिक जुटने नहीं चाहिये। हालांकि सड़क पर किसी तरह के आयोजन या टेंट लगाने की मनाही है।
डीएम ने की आयोजकों संब बैठक
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बारावफात पर्व को लेकर अपने कैंप कार्यालय पर ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस व अन्य कार्यक्रम करने वाले आयोजकों और संस्थओं के प्रतनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान सबकी सहमत से कोरोना को देखते हुए बारावफात मनाने के लिये गाइड लाइन तय की गई। डीएम ने कहा कि अुजुमनों को नातख्वानी और दुआख्वानी जैसे आयोजनों के लिये नियमों के साथ इजाजत दी जाएगी, लेकिन जुलूस निकालने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।