बता दें कि बम कांड के आरोपी वली उल्लाह को गत सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच गाजियाबाद जिला जज के न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। मालूम हो कि सात मार्च 2006 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल ब्लास्ट हुआ था। उस हृदय विदारक घटना में 18 लोगों की मौत हो गई थी और 35 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। उसी शाम गोदौलिया-दशाश्वमेध मार्ग पर भी विस्फोट मिले थे। उस विस्फोट में संकट मोचन मंदिर में सात और कैंट स्टेशन पर 11 लोगों की जान गई थी। पुलिस ने पांच अप्रैल 2006 को इस मामले में इलाहाबाद के फूलपुर गांव निवासी वलीउल्लाह को लखनऊ के गोसाईंगंज इलाके से एके-47 और आरडिएक्स के साथ गिरफ्तार किया था। उस पर संकट मोचन मंदिर और वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर विस्फोट की साजिश रचने तथा आतंकवाद संगठन हूजी को संरक्षण देने का आरोप था। वलीउल्लाह का मुकदमा लड़ने से वाराणसी के वकीलों ने साफ इंकार कर दिया। इतना ही नहीं वाराणसी कचहरी में उस पर हमला भी हुआ था। उसके बाद ही हाईकोर्ट ने यह केस गाजियाबाद जिला जज के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया था।
बता दें कि वलीउल्लाह को लखनऊ की सेशन कोर्ट एक अन्य मामले में 26 अगस्त 2008 को 10 साल की सजा सुना चुकी है। वलीउल्लाह के खिलाफ संकट मोचन मंदिर में विस्फोट के मामले में 52, कैंट रेलवे स्टेशन मामले में 53 और दशाश्वमेध घाट केस में 42 गवाहों को पेश किया जा चुका है।