1940 से मुम्बई में बसा है परिवार भदोही के सरोहि बाजार , मुंडियापुर के मूल निवासी विनय शुक्ल का परिवार बीते चालीस वर्षों से मुम्बई में रह रहा है। बकौल विनय शुक्ल, मेरे दादा श्री आद्या प्रसाद शुक्ला 1940 में मुंबई आए थे।
दादाजी, पिताजी ,बड़े पिताजी,चाचाजी सबने टेलीफ़ोन विभाग में नौकरी की। फ़िलहाल सभी mtnl से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। विनय शुक्ल के चाचा , बड़े पिताजी का परिवार व सारे रिश्तेदार आज भी भदोही में ही रहते हैं।
दादाजी, पिताजी ,बड़े पिताजी,चाचाजी सबने टेलीफ़ोन विभाग में नौकरी की। फ़िलहाल सभी mtnl से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। विनय शुक्ल के चाचा , बड़े पिताजी का परिवार व सारे रिश्तेदार आज भी भदोही में ही रहते हैं।
हिंदी के चूल्हे पर पकी रोटी मेरा परिवार खा रहा है
लगभग 13 वर्ष पूर्व बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे के संपर्क में आने के बाद विनय शुक्ल की जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया। मराठी भाषा पर मजबूत पकड़ रखने वाले विनय शुक्ल की हिंदी से प्रभावित होकर शिवसेना प्रमुख ने उन्हें अपने बेटों को हिंदी पढ़ाने को कहा। उद्धव ठाकरे के दोनों बच्चों आदित्य ठाकरे व तेजस ठाकरे को विगत १२ वर्षों तक उनके निवास स्थान मातोश्री में जाकर विनय शुक्ल ने हिंदी ट्यूशन पढ़ाया। मातोश्री में सम्मान मिला तो चर्चा बॉलीवुड तक भी पहुंची। विनय शुक्ल ने बाहुबली की हीरोइन तमन्ना भाटिया को भी ४ साल हिंदी ट्यूशन पढ़ाया है।
लगभग 13 वर्ष पूर्व बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे के संपर्क में आने के बाद विनय शुक्ल की जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया। मराठी भाषा पर मजबूत पकड़ रखने वाले विनय शुक्ल की हिंदी से प्रभावित होकर शिवसेना प्रमुख ने उन्हें अपने बेटों को हिंदी पढ़ाने को कहा। उद्धव ठाकरे के दोनों बच्चों आदित्य ठाकरे व तेजस ठाकरे को विगत १२ वर्षों तक उनके निवास स्थान मातोश्री में जाकर विनय शुक्ल ने हिंदी ट्यूशन पढ़ाया। मातोश्री में सम्मान मिला तो चर्चा बॉलीवुड तक भी पहुंची। विनय शुक्ल ने बाहुबली की हीरोइन तमन्ना भाटिया को भी ४ साल हिंदी ट्यूशन पढ़ाया है।
शिक्षा से खुली राजनीती की राह
विनय शुक्ला की हिंदी से तो मातोश्री भवन प्रभावित था ही, उनकी कार्यशैली और संवाद से प्रभावित होकर उद्धव ठाकरे ने विनय शुक्ला को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जिसमे वह खरे उतरे।
शिवसेना की सोशल मीडिया की कोर कमेटी का सदस्य विनय को दो वर्ष पहले उत्तर प्रदेश शिवसेना का प्रभार मिला, फिर बिहार का अब पूरे उत्तर भारत शिवसेना का प्रभार है। विनय की रणनीति ही रही कि शिवसेना ने यूपी में १२ जिला पंचायत सीटें जीती, बिहार चुनाव में शिवसेना का चमत्कारिक प्रदर्शन विनय शुक्ला के राजनैतिक जीवन की सबसे बडी उपलब्धि रही है।
विनय शुक्ला की हिंदी से तो मातोश्री भवन प्रभावित था ही, उनकी कार्यशैली और संवाद से प्रभावित होकर उद्धव ठाकरे ने विनय शुक्ला को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जिसमे वह खरे उतरे।
शिवसेना की सोशल मीडिया की कोर कमेटी का सदस्य विनय को दो वर्ष पहले उत्तर प्रदेश शिवसेना का प्रभार मिला, फिर बिहार का अब पूरे उत्तर भारत शिवसेना का प्रभार है। विनय की रणनीति ही रही कि शिवसेना ने यूपी में १२ जिला पंचायत सीटें जीती, बिहार चुनाव में शिवसेना का चमत्कारिक प्रदर्शन विनय शुक्ला के राजनैतिक जीवन की सबसे बडी उपलब्धि रही है।
तानाशाही पर बोल चुके हैं हल्ला
विनय शुक्ला ने ही नरेंद्र मोदी के “मोदीवाद” और सहयोगी दलो को तवज्जो न देने की मानसिकता के ख़िलाफ़ लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी,२०१४ में अलीबाग़ के शिवसेना अधिवेशन में सबसे पहले आवाज़ बुलंद की थी। आज राजस्थान से लेकर बंगाल व जम्मू -कश्मीर से लेकर मध्य प्रदेश तक शिवसेना ने विनय को कार्यक्षेत्र दिया है ताकि अब शिवसेना राष्ट्रीय पार्टी के रूप में सबके सामने आ सके।
विनय शुक्ला ने ही नरेंद्र मोदी के “मोदीवाद” और सहयोगी दलो को तवज्जो न देने की मानसिकता के ख़िलाफ़ लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी,२०१४ में अलीबाग़ के शिवसेना अधिवेशन में सबसे पहले आवाज़ बुलंद की थी। आज राजस्थान से लेकर बंगाल व जम्मू -कश्मीर से लेकर मध्य प्रदेश तक शिवसेना ने विनय को कार्यक्षेत्र दिया है ताकि अब शिवसेना राष्ट्रीय पार्टी के रूप में सबके सामने आ सके।