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Bhaidooj 2017: जानिए क्यों मनाया जाता है Bhai Dooj, इस Shubh Muhurat में करें तिलक

locationवाराणसीPublished: Oct 21, 2017 04:06:01 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

Bhai Dooj के दिन भाई अपने बहन की रक्षा करने का लेते हैं संकल्प

Bhaidooj

भाई दूज

वाराणसी. Diwali के तीसरे दिन मनाया जाने वाला भाई बहन का त्योहार Bhai Dooj पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह भी Raksha Bandhan की तरह भाई और बहन के बीच के प्यार का प्रतीक है। इस बार भाई दूज 21 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस त्योहार में भाई को बहन के हाथों से टीका लगवाने का रिवाज है। बहन भाई को टीका लगाकर उसके लम्बी उम्र की कामना करती है।
टीका लगाने का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2017 Tilak Muhurat)

तिलक करने का मुहूर्त दोपहर 1.30 बजे से 3.50 बजे तक है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज मनाया जाता है। भाई इस पर्व पर अपनी बहनों की रक्षा के संकल्प के साथ उन्हें उपहार देते हैं।
भाईदूज की कथा (Story of Bhai Dooj)

शास्त्रों के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थीं एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था, लेकिन यम और यमुना में बहुत प्रेम था।

यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख खुश हो गईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया।

बहन का प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे भेंट दिए। यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। कहा जाता है इसी के बाद हर साल भाईदूज का त्यौहार मनाया जाता है।
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